
शेयर बाजार में अधिक रिटर्न की संभावना होती है, लेकिन इसके साथ ही जोखिम भी उतना ही होता है। हर व्यक्ति इस तरह के जोखिम को उठाने में सक्षम नहीं होता है। इसी कारण निवेश के लिए ऐसे विकल्पों की तलाश होती है, जो जोखिम मुक्त हों और टैक्स में छूट के साथ-साथ सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करें। ऐसे निवेशकों के लिए PPF (Public Provident Fund) और VPF (Voluntary Provident Fund) दो लोकप्रिय योजनाएं हैं। लेकिन इन दोनों (PPF Vs VPF) में अंतर क्या है? जानेंगे।
PPF क्या है?
PPF यानी सार्वजनिक भविष्य निधि भारत सरकार द्वारा चलाई जाने वाली एक गारंटीकृत योजना है। यह लंबी अवधि के निवेश के लिए उपयुक्त है और टैक्स सेविंग का लाभ प्रदान करती है। इसका उपयोग रिटायरमेंट प्लानिंग, बच्चों की शिक्षा और घर खरीदने के लिए किया जा सकता है। PPF में लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का होता है और यह योजना वर्तमान में 7.1% की ब्याज दर प्रदान करती है। इसमें निवेश पर पूरी तरह से टैक्स छूट मिलती है, जो इसे कमाई बचाने और वित्तीय सुरक्षा के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनाती है।
VPF क्या है?
VPF यानी स्वैच्छिक भविष्य निधि उन वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध है जो कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना के तहत आते हैं। इसमें कर्मचारी अपने मूल वेतन का 12% से अधिक योगदान कर सकता है। हालांकि कंपनी का योगदान सीमित रहता है।
VPF का लाभ यह है कि निवेश राशि सीधे वेतन से कट जाती है, जिससे यह एक सरल और प्रभावी निवेश विकल्प बन जाता है। यह योजना वर्तमान में 8.25% की ब्याज दर प्रदान करती है। VPF में योगदान रोजगार की अवधि के साथ जुड़ा होता है, और आंशिक निकासी 5 साल के बाद की जा सकती है।
PPF Vs VPF के बीच अंतर
- योग्यता: PPF में कोई भी निवेश कर सकता है, जबकि VPF केवल उन वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए है जो EPF योजना के तहत कवर हैं।
- लॉक-इन अवधि: PPF का लॉक-इन पीरियड 15 वर्षों का होता है, जबकि VPF में लॉक-इन अवधि आपके रोजगार की अवधि पर निर्भर करती है।
- ब्याज दर: PPF 7.1% की ब्याज दर प्रदान करता है, जबकि VPF 8.25% ब्याज दर देता है।
- निकासी के नियम: PPF में आंशिक निकासी 7 साल बाद संभव है, जबकि VPF में यह 5 साल के बाद संभव है।
- जोखिम: PPF पूरी तरह से जोखिम मुक्त योजना है। VPF भी कम जोखिम वाली योजना है, लेकिन यह आंशिक रूप से आपके रोजगार की स्थिरता पर निर्भर करती है।
कौन सा विकल्प आपके लिए बेहतर है?
आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग और लक्ष्यों के आधार पर सही योजना का चयन किया जा सकता है। यदि आप दीर्घकालिक निवेश और गारंटीकृत रिटर्न चाहते हैं, तो PPF एक आदर्श विकल्प है। इसकी लंबी लॉक-इन अवधि आपको वित्तीय अनुशासन सिखाती है और भविष्य के बड़े खर्चों जैसे रिटायरमेंट या बच्चों की शिक्षा के लिए एक स्थिर फंड प्रदान करती है।
दूसरी ओर, यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं और PPF से अधिक रिटर्न की तलाश में हैं, तो VPF आपके लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है। इसमें आप अपनी सैलरी का बड़ा हिस्सा निवेश करके रिटायरमेंट के लिए मजबूत फंड बना सकते हैं। हालांकि, VPF का लाभ उठाने के लिए आपका EPF योजना के तहत होना अनिवार्य है। इस प्रकार PPF Vs VPF योजनाओं को समझा जा सकता है।
FAQs
1. PPF Vs VPF में मुख्य अंतर क्या है?
PPF सभी के लिए उपलब्ध है और 15 साल का लॉक-इन पीरियड है, जबकि VPF केवल EPF योजना के तहत कवर व्यक्तियों के लिए है और यह उनकी रोजगार अवधि पर निर्भर करता है।
2. PPF में निवेश की वर्तमान ब्याज दर क्या है?
PPF में वर्तमान ब्याज दर 7.1% है।
3. VPF में आंशिक निकासी कब संभव है?
VPF में आंशिक निकासी 5 साल के बाद संभव है।
4. क्या VPF जोखिम मुक्त है?
VPF एक कम जोखिम वाली योजना है, लेकिन यह आंशिक रूप से आपके रोजगार की स्थिरता पर निर्भर करती है।
5. PPF में अधिकतम निवेश सीमा क्या है?
PPF में आप सालाना अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं।
PPF Vs VPF दोनों ही निवेश योजनाएं अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। जहां PPF सभी के लिए एक सुरक्षित और दीर्घकालिक विकल्प है, वहीं VPF केवल वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए एक उच्च रिटर्न वाला विकल्प है। सही योजना का चयन करने के लिए आपको अपनी वित्तीय स्थिति, जोखिम उठाने की क्षमता और भविष्य के लक्ष्यों का आकलन करना होगा।