इंडियन आर्मी पर आधारित फिल्में और कहानियां हमें भारतीय सेना के जवानों की कठिनाइयों और बलिदानों का आभास तो कराती हैं, लेकिन हकीकत में सेना के अनुशासन और नियमों की गहराई को समझने का अवसर नहीं मिलता। विशेष रूप से, सेना में गद्दारी या देशद्रोह जैसे मामलों में क्या सजा मिलती है, यह जानकारी आमतौर पर छिपी रहती है। आइए, जानते हैं कि ऐसे मामलों में भारतीय सेना के नियम क्या कहते हैं और जवानों को किस तरह की सजा दी जाती है।
फिल्मों में दिखाया गया सिर्फ आधा सच
हमने कई बार इंडियन आर्मी पर आधारित फिल्में देखी हैं, जहां जवानों की ट्रेनिंग, रूटीन और देशभक्ति को उकेरा गया है। लेकिन यह यकीनन कहना सही होगा कि फिल्मों या सोशल मीडिया पर हमें जो दिखाया जाता है, वह सेना की वास्तविकता का केवल एक छोटा हिस्सा होता है। सेना के भीतर की कठोर अनुशासन प्रणाली और नियम-कानून शायद ही कभी आम जनता के सामने आते हैं।
गद्दारी पर कड़ी सजा का प्रावधान
भारतीय सेना में किसी जवान के द्वारा दुश्मन देश से संपर्क साधने, खुफिया जानकारी लीक करने या अपनी पोस्ट छोड़ने जैसे कृत्य को देशद्रोह माना जाता है। ऐसे मामलों में जवान को कठोर सजा का सामना करना पड़ता है। इन अपराधों के लिए सेना के पास दो मुख्य सजा विकल्प होते हैं:
- कारावास
- मौत की सजा
यह सजा इस बात पर निर्भर करती है कि अपराध की गंभीरता और परिस्थितियां क्या थीं। सेना में देशद्रोह के मामलों को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाता।
विद्रोह के लिए उकसाने पर भी सख्त कार्रवाई
यदि कोई सैन्यकर्मी या अधिकारी किसी अन्य जवान को विद्रोह के लिए उकसाता है, तो इसे भी गंभीर अपराध माना जाता है। ऐसे मामलों में आजीवन कारावास या 10 साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ ही आरोपी पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है।
देशद्रोह और युद्ध छेड़ने के मामलों में सजा
सेना में देशद्रोह या सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे अपराधों को भी बेहद गंभीरता से लिया जाता है। इन मामलों में भी दोषी पाए गए जवान को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है। इसके साथ जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (CoI) के जरिए होती है जांच
जब किसी जवान या सैन्यकर्मी पर गंभीर आरोप लगते हैं, तो उस मामले की गहराई से जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (CoI) का गठन किया जाता है। यह जांच समिति आरोपों की सत्यता और परिस्थितियों की जांच करती है। जांच पूरी होने के बाद रिपोर्ट पेश की जाती है, और उसी के आधार पर दोषी की सजा तय होती है।
बर्खास्तगी और सुविधाओं पर रोक
यदि आरोप सही साबित होते हैं, तो आरोपी जवान को बर्खास्त कर दिया जाता है। इसके साथ ही भविष्य में उसे मिलने वाली सैन्य सुविधाओं पर भी रोक लगाई जा सकती है। यह सुनिश्चित करता है कि अनुशासन और नियमों का उल्लंघन करने वाले को किसी प्रकार का लाभ न मिल सके।
सेना के नियम क्यों हैं इतने कठोर?
सेना का मुख्य उद्देश्य देश की सुरक्षा सुनिश्चित करना है। इसके लिए हर सैनिक को अनुशासन और वफादारी की शपथ लेनी होती है। सेना में नियमों का पालन न करने या गद्दारी करने से न केवल सैनिकों की सुरक्षा खतरे में पड़ती है, बल्कि पूरे देश की सुरक्षा को भी जोखिम हो सकता है। इसी कारण सेना में नियम बेहद कठोर और सजा कड़ी होती है।