
ऑनलाइन पैसे भेजते समय ट्रांजेक्शन फेल होना एक आम समस्या है। अक्सर ऐसी स्थिति में अकाउंट से पैसा कट जाता है, लेकिन राशि तुरंत वापस नहीं आती। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस मामले में ग्राहकों को राहत देने के लिए नियम बनाए हैं। इन नियमों के अनुसार, यदि बैंक तय समय सीमा के भीतर पैसा रिफंड नहीं करता, तो उसे जुर्माना देना होगा।
RBI का TAT Harmonization नियम
साल 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया था, जिसमें TAT यानी टर्न अराउंड टाइम को ध्यान में रखते हुए फेल ट्रांजेक्शन पर मुआवजे के प्रावधान तय किए गए। यदि किसी ग्राहक का ट्रांजेक्शन फेल होता है और इसके बावजूद बैंक समय पर रिफंड नहीं करता, तो बैंक को प्रतिदिन ₹100 की पेनाल्टी चुकानी होगी। हालांकि, यह पेनाल्टी केवल उन्हीं मामलों में लागू होगी जहां ट्रांजेक्शन फेल होने का कारण ग्राहक के नियंत्रण से बाहर हो।
ट्रांजेक्शन के प्रकार और रिफंड का समय
यदि एटीएम में पैसे कट गए लेकिन निकले नहीं, तो बैंक को 5 दिनों के भीतर रिफंड करना होगा। अगर कार्ड से पैसे कटे लेकिन बेनेफिशियरी के खाते में जमा नहीं हुए, तो बैंक को T+1 दिन में पैसा वापस करना होगा। यह नियम न केवल ग्राहकों को उनकी मेहनत की कमाई की सुरक्षा देता है, बल्कि बैंकों पर समय पर सेवा प्रदान करने का दबाव भी बनाता है।
FAQs
- ट्रांजेक्शन फेल होने पर क्या तुरंत बैंक से संपर्क करना जरूरी है?
हां, जैसे ही आपका ट्रांजेक्शन फेल होता है, बैंक को तुरंत सूचित करें ताकि प्रक्रिया जल्दी शुरू हो सके। - क्या पेनाल्टी हर प्रकार के फेल ट्रांजेक्शन पर लागू होती है?
नहीं, केवल उन्हीं मामलों में जहां फेल ट्रांजेक्शन का कारण ग्राहक के नियंत्रण से बाहर हो। - RBI नियमों का पालन न करने पर क्या ग्राहक शिकायत कर सकता है?
बिल्कुल, ग्राहक बैंकिंग लोकपाल या RBI के पास शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
RBI के नियम ग्राहकों को सुरक्षा और भरोसा प्रदान करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि बैंकों की सेवाएं समय पर और पारदर्शी हों। यदि आपका ट्रांजेक्शन फेल हुआ है, तो अब आप बिना किसी टेंशन के नियमों का लाभ उठा सकते हैं।