
हाल ही में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट्स (bps) की कटौती की है, जिससे लोन सस्ता होने की उम्मीद जताई जा रही थी। हालांकि, HDFC बैंक ने अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में इजाफा कर दिया है। बैंक का ओवरनाइट MCLR रेट 9.15% से बढ़कर अब 9.20% हो गया है।
महंगा हुआ HDFC बैंक से लोन लेना
इस बदलाव के बाद बैंक की MCLR दरें अब 9.20% से लेकर 9.45% तक हो गई हैं। इसका मतलब है कि अब अगर आप HDFC बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपको पहले से अधिक ब्याज दर चुकानी पड़ेगी।
यह स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई है क्योंकि RBI की रेपो रेट में कटौती का असर तुरंत ही बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन पर दिखता है, जबकि MCLR पर आधारित लोन के लिए ये बदलाव समय लेता है। HDFC बैंक ने MCLR बढ़ाने का फैसला लिया है, जिससे ग्राहकों को लोन पर अधिक ब्याज दर चुकानी होगी।
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रेपो रेट घटी, फिर क्यों बढ़ा MCLR?
RBI की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी हालिया बैठक में 25 बेसिस पॉइंट्स की कटौती करके रेपो रेट को घटाया। यह कदम पिछले पांच सालों में पहली बार लिया गया था। रेपो रेट में इस कटौती का असर मुख्य रूप से बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन पर पड़ता है, जिनकी दरें तुरंत घट जाती हैं। लेकिन MCLR आधारित लोन में बदलाव होने में समय लगता है, और इन लोन की दरें मौजूदा समय में बढ़ गई हैं।
MCLR दरों में यह वृद्धि HDFC बैंक द्वारा अपने फंडिंग खर्चों को पूरा करने के लिए की गई है। बैंक अपने फंडिंग के लिए अलग-अलग स्रोतों से पैसा जुटाता है, और जब बैंक को अधिक खर्च करना पड़ता है, तो वह इस खर्च का बोझ ग्राहकों पर डालता है। इस वजह से बैंक ने MCLR दरों में वृद्धि की है।
क्या फर्क पड़ेगा आपको?
अगर आप रिटेल लोन, जैसे कि होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो रेपो रेट में कटौती का फायदा आपको जल्द मिल सकता है। यह लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, जिनमें रेपो रेट के बदलाव का असर जल्दी दिखता है। लेकिन अगर आप कॉरपोरेट लोन या बड़े लोन की सोच रहे हैं, जो MCLR से जुड़े होते हैं, तो ऐसे लोन महंगे हो सकते हैं क्योंकि इन पर बदलाव आने में वक्त लगता है।
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FAQs
- MCLR और रेपो रेट में क्या फर्क है?
MCLR (मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट) बैंक की आधार दर है, जबकि रेपो रेट वह दर है जिस पर RBI बैंकों को पैसा उधार देता है। रेपो रेट में कटौती का फायदा बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन पर तुरंत दिखता है, जबकि MCLR में बदलाव होने में समय लगता है। - क्या HDFC बैंक के लोन महंगे हो गए हैं?
हां, HDFC बैंक ने अपने MCLR में वृद्धि की है, जिससे अब बैंक से लोन लेना महंगा हो सकता है। - रेपो रेट में कटौती का असर मुझे कब मिलेगा?
अगर आपका लोन बाहरी बेंचमार्क से जुड़ा है, तो आपको रेपो रेट की कटौती का फायदा जल्द मिलेगा। लेकिन यदि आपका लोन MCLR पर आधारित है, तो आपको इसका असर आने में कुछ समय लगेगा। - क्या इस बढ़ोतरी से होम लोन पर असर पड़ेगा?
होम लोन जो बाहरी बेंचमार्क से जुड़े होते हैं, उन पर रेपो रेट में कटौती का असर जल्दी पड़ेगा, जबकि MCLR पर आधारित लोन महंगे हो सकते हैं।
HDFC बैंक ने MCLR दरों में बढ़ोतरी कर दी है, जिससे बैंक से लोन लेने की लागत बढ़ सकती है। हालांकि, RBI की रेपो रेट में कटौती से बाहरी बेंचमार्क से जुड़े लोन पर राहत मिल सकती है। अगर आप HDFC बैंक से लोन लेने की सोच रहे हैं, तो यह बदलाव आपकी लोन दरों पर प्रभाव डाल सकता है।