
अगर आपने अब तक अपना इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल नहीं किया है या उसमें कोई गलती हो गई है, तो बजट 2025 में आपके लिए एक राहत की खबर है। सरकार ने ITR फाइलिंग से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया है, जिससे अब टैक्सपेयर्स को 4 साल तक का समय मिलेगा अपना अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए। पहले यह डेडलाइन 24 महीने थी, जिसे अब बढ़ाकर 48 महीने कर दिया गया है। इससे टैक्सपेयर्स को अपना रिटर्न संशोधित करने और गलतियों को सुधारने का अधिक समय मिलेगा।
ITR रिवाइज्ड रिटर्न (Revised Return) का नियम
अगर आपने अपना ओरिजनल रिटर्न (Original Return) फाइल कर लिया है और बाद में कोई गलती पकड़ में आती है, तो आप उसे संशोधित कर सकते हैं। रिवाइज्ड रिटर्न असेसमेंट ईयर खत्म होने से तीन महीने पहले तक फाइल किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए यह डेडलाइन 31 दिसंबर 2025 तक होगी।
अगर किसी व्यक्ति ने 31 जुलाई 2025 को अपना रिटर्न फाइल किया और बाद में पाया कि वह डिडक्शन (Deduction) जोड़ना भूल गया है, तो वह 31 दिसंबर 2025 तक संशोधित रिटर्न फाइल कर सकता है। रिवाइज्ड रिटर्न फाइल करने पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता, लेकिन अगर संशोधन के कारण टैक्स लायबिलिटी बढ़ती है, तो उस पर ब्याज (Interest) देना होगा।
यह भी देखें: एक साल के निवेश पर कितना मिलेगा रिटर्न?
बिलेटेड रिटर्न (Belated Return) का नियम
अगर कोई टैक्सपेयर तय समय सीमा (31 जुलाई) तक ITR फाइल नहीं कर पाता, तो वह बिलेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है। बिलेटेड रिटर्न 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है। वित्त वर्ष 2024-25 का रिटर्न अगर 31 जुलाई 2025 तक नहीं भरा गया, तो इसे 31 दिसंबर 2025 तक बिलेटेड रिटर्न के रूप में फाइल किया जा सकता है।
फीस और पेनल्टी
अगर बिलेटेड रिटर्न फाइल करते हैं, तो हर महीने 1% ब्याज देना होगा। धारा 234F के तहत 5,000 रुपये तक की लेट फीस लगेगी। अगर टैक्सपेयर्स की इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो यह लेट फीस 1,000 रुपये होगी। अगर आपकी इनकम बेसिक एग्जेम्प्शन लिमिट (Basic Exemption Limit) से कम है, तो रिटर्न फाइल करने की जरूरत नहीं। बिलेटेड रिटर्न को भी संशोधित किया जा सकता है। बिलेटेड रिटर्न फाइल करने पर कैपिटल लॉस (Capital Loss) कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जा सकता।
अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) का नया नियम
सरकार ने 2022 में अपडेटेड रिटर्न (Updated Return) का प्रावधान शुरू किया था ताकि टैक्सपेयर्स अपनी गलती सुधार सकें और सही जानकारी दे सकें। अब अपडेटेड रिटर्न 4 साल तक फाइल किया जा सकता है। पहले इसकी डेडलाइन सिर्फ 2 साल थी। ओरिजनल, रिवाइज्ड और बिलेटेड रिटर्न की डेडलाइन खत्म होने के बाद ही अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जा सकता है। आईटीआर-यू (ITR-U) फॉर्म के तहत अपडेटेड रिटर्न फाइल किया जाता है।
इसे दोबारा संशोधित नहीं किया जा सकता। इसमें सिर्फ अतिरिक्त इनकम (Additional Income) घोषित की जा सकती है, लेकिन टैक्स देनदारी कम करने के लिए इसे फाइल नहीं किया जा सकता। नया रिफंड (Refund) क्लेम नहीं किया जा सकता। पहले 12 महीनों में फाइल करने पर 25% अतिरिक्त टैक्स देना होगा। 24 महीनों में 50% अतिरिक्त टैक्स देना होगा। 36 महीनों में 60% अतिरिक्त टैक्स और 48 महीनों में 70% तक का अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
48 महीने की अवधि में अपडेटेड रिटर्न फाइल करने की शर्तें
अगर इनकम टैक्स विभाग ने किसी व्यक्ति को री-असेसमेंट (Re-assessment) के लिए नोटिस भेजा है, तो वह 36 महीनों के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं कर सकता। हालांकि, अगर री-असेसमेंट की जरूरत नहीं पाई गई, तो वह 36 महीने के बाद भी 48 महीने की डेडलाइन के अंदर अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है।
यह भी देखें: MSSC Scheme में निवेश कर होगा तगड़ा फायदा
FAQs
Q.1: अब ITR फाइल करने की अधिकतम अवधि कितनी हो गई है?
पहले ITR अपडेटेड रिटर्न की डेडलाइन 2 साल थी, जिसे अब बढ़ाकर 4 साल (48 महीने) कर दिया गया है।
Q.2: क्या बिलेटेड रिटर्न को संशोधित किया जा सकता है?
हां, बिलेटेड रिटर्न को भी रिवाइज्ड रिटर्न के रूप में संशोधित किया जा सकता है।
Q.3: क्या अपडेटेड रिटर्न में रिफंड क्लेम किया जा सकता है?
नहीं, ITR-U के तहत रिफंड क्लेम नहीं किया जा सकता।
Q.4: अपडेटेड रिटर्न फाइल करने पर कितनी पेनल्टी लगेगी?
- पहले 12 महीनों में 25%
- 24 महीनों में 50%
- 36 महीनों में 60%
- 48 महीनों में 70% तक का अतिरिक्त टैक्स देना होगा।
Q.5: अगर किसी को री-असेसमेंट नोटिस मिला है, तो क्या वह अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकता है?
नहीं, 36 महीनों तक वह अपडेटेड रिटर्न फाइल नहीं कर सकता। अगर री-असेसमेंट की जरूरत नहीं पाई गई, तो वह 48 महीनों की डेडलाइन में इसे फाइल कर सकता है।
बजट 2025 में ITR फाइलिंग से जुड़े नियमों में बड़े बदलाव किए गए हैं, जिससे टैक्सपेयर्स को अपना रिटर्न फाइल करने और गलतियों को सुधारने का अधिक समय मिलेगा। अब अपडेटेड रिटर्न 4 साल (48 महीने) तक फाइल किया जा सकता है। हालांकि, इसमें टैक्स और पेनल्टी का ध्यान रखना जरूरी है।