सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक SBI को दिया झटका, दिया ऐसा आदेश जानकर झूम उठोगे

जानिए कैसे एक असम के व्यक्ति ने लुइस फिलिप से ब्लेजर लौटाने की कोशिश में साइबर ठगी का शिकार होकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी और बैंक को जवाबदेही लेने पर मजबूर कर दिया। क्या आपके पैसे भी सुरक्षित हैं?

By Praveen Singh
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सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक SBI को दिया झटका, दिया ऐसा आदेश जानकर झूम उठोगे
सुप्रीम कोर्ट ने SBI को दिया झटका,

देश के सबसे बड़े बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), को सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ऑनलाइन ठगी के एक मामले में फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट ने बैंक को 94,000 रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है। यह मामला असम के एक व्यक्ति से जुड़ा है, जिसने ठगी के बाद न्याय पाने के लिए कई चरणों में कानूनी लड़ाई लड़ी।

ठगी की कहानी: कैसे हुआ मामला?

असम के एक व्यक्ति ने साल 2021 में लुइस फिलिप का एक ब्लेजर खरीदा था। ब्लेजर पसंद न आने पर उसे लौटाने के लिए प्रयास किया गया। इसी बीच लुइस फिलिप की वेबसाइट हैक हो गई और एक ठग ने उस व्यक्ति से संपर्क कर खुद को कस्टमर केयर प्रतिनिधि बताया। ठग ने व्यक्ति को बताया कि ब्लेजर लौटाने के लिए एक ऐप इंस्टॉल करना होगा। जैसे ही ऐप इंस्टॉल हुआ, ठग ने उसके बैंक खाते से 94,000 रुपये उड़ा लिए।

पीड़ित ने तुरंत SBI के हेल्पलाइन नंबर पर शिकायत दर्ज कराई और बैंक ने कार्ड व खाता ब्लॉक कर दिया। इसके बावजूद, कोई ठोस कार्रवाई न होते देख व्यक्ति ने जलुकबारी पुलिस स्टेशन, साइबर क्राइम सेल, आरबीआई ओम्बड्समैन, गुवाहाटी हाई कोर्ट और अंत में सुप्रीम कोर्ट तक का रुख किया।

SBI की भूमिका और लापरवाही

यह मामला इसलिए गंभीर हो गया क्योंकि SBI ने पीड़ित की शिकायत के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाया। न तो साइबर क्राइम की शिकायत दर्ज की गई और न ही चार्जबैक का अनुरोध किया गया। SBI ने पीड़ित को ही जिम्मेदार ठहराया और दावा किया कि चूंकि धोखाधड़ी Google Pay के जरिए हुई थी, जो एक थर्ड-पार्टी ऐप है, इसलिए बैंक जिम्मेदार नहीं है। SBI ने यह भी तर्क दिया कि बैंक कभी भी थर्ड-पार्टी ऐप्स का उपयोग करने की सलाह नहीं देता।

सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में SBI के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। कोर्ट ने कहा कि आज के समय में जब SBI जैसी बड़ी संस्थाएं उन्नत तकनीकी समाधान का उपयोग करती हैं, तब भी साइबर धोखाधड़ी को रोकने में विफलता गंभीर है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि जब पीड़ित ने 24 घंटे के भीतर धोखाधड़ी की सूचना दी थी, तो बैंक को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी। गुवाहाटी हाई कोर्ट ने भी सुप्रीम कोर्ट के इस रुख का समर्थन किया और पीड़ित को 94,000 रुपये की भरपाई का आदेश दिया।

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FAQs

Q1. क्या बैंक Google Pay जैसे थर्ड-पार्टी ऐप्स की जिम्मेदारी लेता है?
नहीं, बैंक आमतौर पर थर्ड-पार्टी ऐप्स की जिम्मेदारी नहीं लेता। हालांकि, अगर ग्राहक बैंक को समय पर सूचना देता है, तो बैंक की जवाबदेही बनती है।

Q2. साइबर ठगी का शिकार होने पर क्या करना चाहिए?
अगर आप साइबर ठगी के शिकार होते हैं, तो तुरंत बैंक के हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क करें, अकाउंट और कार्ड ब्लॉक करवाएं और पुलिस या साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराएं।

Q3. क्या सुप्रीम कोर्ट का फैसला अन्य बैंकों पर भी लागू होगा?
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से अन्य बैंकों के लिए भी यह एक नजीर बनेगी कि ग्राहक की शिकायत पर त्वरित कार्रवाई होनी चाहिए।

SBI के इस मामले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ग्राहकों की सुरक्षा और साइबर ठगी के मामलों में बैंकों की जिम्मेदारी कितनी महत्वपूर्ण है। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से न केवल पीड़ित को न्याय मिला, बल्कि यह बैंकों के लिए भी एक सख्त संदेश है कि तकनीकी उन्नति के साथ ग्राहक सेवा में सुधार जरूरी है।

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