
जब बात सुरक्षित और बेहतर रिटर्न देने वाले निवेश विकल्पों की आती है, तो सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) और सीनियर सिटीजन फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) दो प्रमुख विकल्प होते हैं। ये दोनों योजनाएँ वरिष्ठ नागरिकों को सुरक्षित और सुनिश्चित रिटर्न प्रदान करती हैं, लेकिन इनमें कुछ महत्वपूर्ण अंतर हैं जो निवेश के निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं।
SCSS: 8.2% का मजबूत रिटर्न और सरकारी गारंटी
सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) सरकार द्वारा समर्थित एक रिस्क-फ्री स्मॉल सेविंग स्कीम है। यह योजना खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लिए) बनाई गई है, जिससे उन्हें उच्च ब्याज दर पर सुरक्षित निवेश का लाभ मिल सके।
SCSS की प्रमुख बातें:
- ब्याज दर: इस समय SCSS पर 8.2% वार्षिक ब्याज दिया जा रहा है, जिसका भुगतान हर तिमाही में किया जाता है।
- निवेश सीमा: SCSS में अधिकतम ₹30 लाख तक का निवेश किया जा सकता है।
- परिपक्वता अवधि: योजना की मूल अवधि 5 साल होती है, जिसे 3 साल और बढ़ाया जा सकता है।
- कर लाभ: इस स्कीम में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स कटौती मिलती है।
- कर योग्य ब्याज: हालांकि, SCSS से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है, यानी इस पर टैक्स देना होगा।
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सीनियर सिटीजन FD: बिना अधिकतम निवेश सीमा वाला विकल्प
बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक और सुरक्षित निवेश विकल्प है, जिसे विभिन्न बैंक अपने ग्राहकों को विभिन्न अवधियों के लिए प्रदान करते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को सामान्य निवेशकों की तुलना में FD पर अतिरिक्त ब्याज दर दी जाती है।
सीनियर सिटीजन FD की प्रमुख बातें:
- ब्याज दर: अलग-अलग बैंकों की ब्याज दरें अलग होती हैं। उदाहरण के लिए:
- SBI: 5 साल की FD पर 7.50% ब्याज
- Canara Bank: 5 साल की FD पर 7.20% ब्याज
- PNB: 5 साल की FD पर 7.00% ब्याज
- परिपक्वता अवधि: FD की अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है।
- निवेश सीमा: बैंक FD में निवेश की कोई अधिकतम सीमा नहीं होती है।
- बीमा सुरक्षा: बैंक FD पर ₹5 लाख तक की जमा बीमा सुरक्षा (DICGC) के तहत मिलती है।
- कर लाभ: यदि टैक्स सेविंग FD ली जाए तो धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक की टैक्स छूट मिलती है।
- ब्याज कर योग्य: FD से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से टैक्सेबल होता है और बैंक TDS (Tax Deducted at Source) भी काट सकते हैं।
SCSS और सीनियर सिटीजन FD: कौन है बेहतर विकल्प?
दोनों निवेश विकल्पों की तुलना करने पर स्पष्ट होता है कि SCSS और FD दोनों ही सुरक्षित निवेश के लिए उपयुक्त हैं, लेकिन यह निवेशक की ज़रूरतों पर निर्भर करता है कि कौन-सा बेहतर है।
- अगर आप अधिक ब्याज और सरकारी गारंटी चाहते हैं, तो SCSS बेहतर विकल्प है क्योंकि 8.2% ब्याज दर बैंक FD से अधिक है।
- अगर आप लंबे समय तक निवेश और लिक्विडिटी चाहते हैं, तो FD सही रहेगा क्योंकि इसमें 10 साल तक निवेश किया जा सकता है और किसी भी बैंक में निवेश की जा सकती है।
- अगर आपको ₹30 लाख से अधिक निवेश करना है, तो SCSS की अधिकतम सीमा के कारण FD ही एकमात्र विकल्प बचता है।
- दोनों ही विकल्पों में ब्याज कर योग्य है, इसलिए कर प्रभाव को ध्यान में रखते हुए निवेश करें।
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FAQs
1. SCSS में कितना अधिकतम निवेश किया जा सकता है?
SCSS में अधिकतम ₹30 लाख का निवेश किया जा सकता है।
2. सीनियर सिटीजन FD और SCSS में कौन अधिक सुरक्षित है?
दोनों ही सुरक्षित हैं, लेकिन SCSS को सरकार का समर्थन प्राप्त है, जबकि बैंक FD पर केवल ₹5 लाख तक की जमा बीमा सुरक्षा (DICGC) मिलती है।
3. क्या SCSS का ब्याज टैक्स फ्री होता है?
नहीं, SCSS से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य होता है।
4. SCSS में पैसा निकालने के क्या नियम हैं?
SCSS में 5 साल की लॉक-इन अवधि होती है, हालांकि कुछ परिस्थितियों में जुर्माने के साथ समय से पहले निकासी की जा सकती है।
5. कौन-सा विकल्प अधिक रिटर्न देता है?
SCSS फिलहाल 8.2% का ब्याज दे रहा है, जबकि बैंक FD की दरें 7-7.50% तक ही हैं, इसलिए SCSS अधिक रिटर्न देता है।
SCSS और सीनियर सिटीजन FD दोनों ही बेहतरीन निवेश विकल्प हैं। अगर आपका लक्ष्य अधिक ब्याज दर और सरकारी सुरक्षा है, तो SCSS एक बढ़िया विकल्प है। वहीं, अगर आप अधिक लचीलापन और लंबी अवधि का निवेश चाहते हैं, तो बैंक FD आपके लिए बेहतर साबित हो सकता है। दोनों के कर नियम लगभग समान हैं, इसलिए निवेश से पहले अपनी वित्तीय स्थिति और जरूरतों को समझना आवश्यक है।