
भारत सरकार ने एक बार फिर स्मॉल सेविंग स्कीम्स की ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने का निर्णय लिया है, जिससे निवेशकों को राहत मिली है। जनवरी से मार्च तिमाही के लिए लागू यह फैसला पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) और सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम (SCSS) जैसी लोकप्रिय योजनाओं को सीधे प्रभावित करेगा। यह कदम बाजार में स्थिरता बनाए रखने और निवेशकों की दीर्घकालिक योजनाओं को सुरक्षित रखने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा।
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पीपीएफ: कर बचत और स्थिर रिटर्न का बेहतरीन विकल्प
पीपीएफ स्कीम पर 7.1% सालाना ब्याज दर को यथावत रखा गया है। यह योजना कर बचत के साथ-साथ स्थिर और सुरक्षित रिटर्न प्रदान करने के लिए जानी जाती है। इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत कर छूट मिलने के कारण यह निवेशकों के लिए एक आकर्षक विकल्प बनी हुई है। जिन लोगों को लंबी अवधि में सुरक्षित और टैक्स-फ्री रिटर्न की तलाश है, उनके लिए पीपीएफ एक बेहतरीन निवेश विकल्प साबित हो सकता है।
सुकन्या समृद्धि योजना
बेटियों की शिक्षा और विवाह के लिए डिज़ाइन की गई सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) पर 7.6% सालाना ब्याज दर को बरकरार रखा गया है। यह योजना उन माता-पिता के लिए एक मजबूत विकल्प है, जो अपनी बेटियों के भविष्य के लिए बचत करना चाहते हैं। इस योजना में मिलने वाले टैक्स बेनिफिट्स इसे और अधिक आकर्षक बनाते हैं, जिससे यह योजना दीर्घकालिक निवेशकों की पहली पसंद बनी हुई है।
सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम
रिटायर्ड व्यक्तियों को वित्तीय सुरक्षा देने के लिए सरकार ने सीनियर सिटीजंस सेविंग स्कीम (SCSS) पर 8% सालाना ब्याज दर को जारी रखने का फैसला किया है। यह योजना 60 साल और उससे अधिक उम्र के निवेशकों के लिए बनाई गई है, जो अपने रिटायरमेंट के बाद नियमित आय की तलाश में हैं। इस योजना में 15 लाख रुपए तक निवेश किया जा सकता है, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को एक स्थिर और सुरक्षित रिटर्न मिलता है।
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सरकार की रणनीति और निवेशकों पर प्रभाव
सरकार द्वारा इन योजनाओं की ब्याज दरों को स्थिर बनाए रखने का निर्णय वित्तीय स्थिरता और बचत को प्रोत्साहित करने की रणनीति का हिस्सा है। स्मॉल सेविंग स्कीम्स भारतीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, क्योंकि ये घरेलू बचत को बढ़ावा देती हैं और दीर्घकालिक आर्थिक विकास परियोजनाओं के लिए फंड उपलब्ध कराती हैं।
इस फैसले से उन निवेशकों को राहत मिलेगी, जो बाजार की अस्थिरता के बीच एक सुरक्षित और स्थिर रिटर्न की उम्मीद कर रहे थे। यह निर्णय सरकार की उन नीतियों को भी दर्शाता है, जो आम जनता के हितों को प्राथमिकता देते हुए दीर्घकालिक वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं।