
इंडिया आज दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम वाला देश बन गया है। इसमें सरकार की नीतियों और योजनाओं ने अहम भूमिका निभाई है। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने और नई प्रतिभाओं को आगे लाने के लिए सरकार ने कई प्रोग्राम लॉन्च किए हैं। अगर आप भी अपना बिजनेस शुरू करने का सपना देख रहे हैं, तो इन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाकर अपनी यात्रा को सरल बना सकते हैं।
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY)
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना उन लोगों के लिए एक बड़ी मदद है, जो अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं। इसके तहत नॉन-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि कार्य से जुड़े व्यवसायों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इस योजना के तहत 20 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है। यह लोन कमर्शियल बैंक, रीजनल रूरल बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस (MFI) और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों (NBFC) के जरिए उपलब्ध कराया जाता है। लोन चार कैटेगरी में दिया जाता है:
- शिशु: स्टार्टअप की शुरुआती जरूरतों के लिए।
- किशोर: बिजनेस को बढ़ाने के लिए।
- तरुण और तरुण प्लस: बड़े स्तर के निवेश के लिए।
स्टैंड अप इंडिया योजना (Stand-Up India Scheme)
यह योजना फाइनेंस मिनिस्ट्री द्वारा शुरू की गई है और खासतौर से एससी/एसटी और महिलाओं के लिए डिजाइन की गई है। इसके तहत मैन्युफैक्चरिंग, ट्रेडिंग, सर्विस और एग्रीकल्चरल कार्यों के लिए 10 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक का लोन उपलब्ध कराया जाता है।
हर बैंक ब्रांच के लिए कम से कम एक एससी/एसटी या महिला उद्यमी को यह लोन देना अनिवार्य है। इसके साथ ही लाभार्थी को एक रूपे डेबिट कार्ड भी प्रदान किया जाता है, जिससे कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा मिलता है।
क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप (CGSS)
DPIIT से मान्यता प्राप्त बिजनेस के लिए यह योजना शुरू की गई है। इसके तहत स्टार्टअप्स को लोन पर गारंटी दी जाती है। इस योजना में नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्टी कंपनी (NCGTC) मेंबर इंस्टीट्यूशन्स (MI) को लोन पर गारंटी प्रदान करती है।
लोन की गारंटी ट्रांजेक्शन बेस्ड या अंब्रेला बेस्ड हो सकती है। इस योजना के तहत बिजनेस को 10 करोड़ रुपये तक की क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाती है। यह योजना उन उद्यमियों के लिए बेहद उपयोगी है, जिन्हें फंडिंग की कमी का सामना करना पड़ता है।
स्टार्टअप इंडिया पहल (Startup India Initiative)
यह पहल उन उद्यमियों के लिए है जो नई और इनोवेटिव आइडियाज के साथ स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं। स्टार्टअप्स को टैक्स इंसेंटिव्स, फंडिंग, और मेंटरशिप जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इसके साथ ही बिजनेस को आईपीआर (Intellectual Property Rights) में सहायता और सरकारी टेंडर्स में प्राथमिकता दी जाती है।
स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं? उठाएं लाभ
डिजिटल इंडिया और मेक इन इंडिया जैसे कार्यक्रम भी बिजनेस इकोसिस्टम को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। डिजिटल इंडिया के तहत डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत हुआ है, जो बिजनेस को नई तकनीकों के जरिए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है।
मेक इन इंडिया प्रोग्राम ने मैन्युफैक्चरिंग और प्रोडक्शन आधारित बिजनेस के लिए नए अवसर खोले हैं। रिन्यूएबल एनर्जी और ग्रीन टेक्नोलॉजी आधारित स्टार्टअप्स को भी इसमें प्राथमिकता दी जा रही है।
FAQs
Q1. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत कितनी धनराशि का लोन लिया जा सकता है?
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 20 लाख रुपये तक का लोन लिया जा सकता है।
Q2. स्टैंड अप इंडिया योजना किसके लिए है?
यह योजना विशेष रूप से एससी/एसटी और महिला उद्यमियों के लिए है।
Q3. क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर स्टार्टअप्स में अधिकतम गारंटी कितनी है?
इस स्कीम के तहत स्टार्टअप्स को 10 करोड़ रुपये तक की गारंटी दी जाती है।
Q4. स्टार्टअप इंडिया पहल के तहत क्या लाभ मिलते हैं?
इस पहल के तहत टैक्स इंसेंटिव्स, फंडिंग, मेंटरशिप और आईपीआर सहायता जैसे लाभ मिलते हैं।
Q5. डिजिटल इंडिया प्रोग्राम स्टार्टअप्स को कैसे मदद करता है?
डिजिटल इंडिया प्रोग्राम डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर मजबूत करता है, जिससे स्टार्टअप्स नई तकनीकों का उपयोग कर वैश्विक प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
सरकार बिजनेस को आर्थिक सहायता के अलावा ट्रेनिंग, नेटवर्किंग, और मेंटरशिप जैसी सुविधाएं भी प्रदान करती है। सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करके उद्यमी न केवल अपनी पूंजी की कमी पूरी कर सकते हैं, बल्कि अपने बिजनेस को सही दिशा में बढ़ा सकते हैं।