
Equity Linked Savings Scheme (ELSS) में निवेश करना उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो टैक्स बचाने के साथ-साथ शेयर बाजार के उतार-चढ़ाव से लाभ उठाना चाहते हैं। ELSS योजनाएं सेक्शन 80सी के तहत कर लाभ देती हैं और इनका लॉक-इन पीरियड सिर्फ तीन साल का होता है। सही ईएलएसएस फंड चुनने से आप न केवल कर बचा सकते हैं बल्कि लंबे समय में अच्छा रिटर्न भी कमा सकते हैं।
Savings Tips: सही ELSS फंड चुना तो होगा फायदा
ईएलएसएस फंड्स आमतौर पर लार्ज-कैप स्टॉक्स में निवेश करते हैं, जो बाजार में स्थिरता और कम जोखिम प्रदान करते हैं। मार्केट में सुधार होने पर लार्ज-कैप फंड्स तेज रिकवरी करते हैं। बजाज फिनसर्व जैसे एसेट मैनेजमेंट कंपनियों का कहना है कि बाजार में गिरावट के दौरान ये फंड कम गिरते हैं और रिकवरी के समय तेजी से उभरते हैं।
ELSS: लॉक-इन पीरियड और पारदर्शिता
ईएलएसएस का एक और बड़ा फायदा इसका केवल तीन साल का लॉक-इन पीरियड है। जहां अन्य टैक्स सेविंग विकल्प जैसे पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) का लॉक-इन 15 साल तक का होता है, वहीं ELSS आपको कम समय में बेहतर रिटर्न पाने का अवसर देते हैं। इसके अलावा, इनका विनियमन सिक्यॉरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) करता है, जिससे निवेशकों को पारदर्शिता और सुरक्षा का आश्वासन मिलता है।
अगर आप पैसिव ईएलएसएस फंड्स में निवेश करते हैं, तो प्रशासनिक शुल्क भी कम होता है। इससे निवेशकों को अतिरिक्त लाभ मिलता है और निवेश का अनुभव आसान और सस्ता हो जाता है।
टैक्स में कैसे मिलेगी राहत?
ईएलएसएस में निवेश से सेक्शन 80सी के तहत ₹1.5 लाख तक का डिडक्शन मिलता है। इसके अलावा, बजट 2024 के अनुसार, इक्विटी योजनाओं से ₹1.25 लाख तक के लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन पर 12.5% टैक्स लगता है। यह दर फिक्स्ड डिपॉजिट जैसे विकल्पों के स्लैब आधारित टैक्स से काफी कम है। नई कर व्यवस्था में ELSS के ये फायदे नहीं मिलते हैं। इसलिए, निवेशकों को अपनी टैक्स योजना के अनुसार सही निर्णय लेना चाहिए।
सही ELSS फंड कैसे चुनें?
हर ELSS फंड में रिस्क का स्तर अलग-अलग होता है। मिड-कैप और स्मॉल-कैप स्टॉक्स में निवेश करने वाले फंड्स में रिस्क ज्यादा होता है। हालांकि, ज्यादातर ELSS योजनाएं अपने कॉर्पस का बड़ा हिस्सा लार्ज-कैप स्टॉक्स में लगाती हैं। अगर आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) जैसे विकल्पों पर विचार करें। सही फंड चुनने के लिए SEBI-अप्रूव फाइनेंशियल एडवाइजर की सलाह जरूर लें।
FAQs
1. ELSS में निवेश का सही समय क्या है?
ELSS में निवेश किसी भी समय किया जा सकता है, लेकिन वित्तीय वर्ष की समाप्ति से पहले (31 मार्च) निवेश करने से टैक्स लाभ का फायदा उठाया जा सकता है।
2. क्या ELSS में जोखिम अधिक होता है?
ELSS का जोखिम फंड के पोर्टफोलियो पर निर्भर करता है। लार्ज-कैप फंड्स में जोखिम कम होता है, जबकि मिड-कैप और स्मॉल-कैप फंड्स में जोखिम अधिक हो सकता है।
3. क्या नई कर व्यवस्था में ईएलएसएस लाभदायक है?
नई कर व्यवस्था में ईएलएसएस पर टैक्स लाभ नहीं मिलता है। हालांकि, पुरानी कर व्यवस्था में यह टैक्स सेविंग के लिए एक अच्छा विकल्प है।
4. क्या ईएलएसएस को तीन साल बाद रिन्यू कर सकते हैं?
हां, आप तीन साल के लॉक-इन पीरियड के बाद अपने निवेश को जारी रख सकते हैं या फंड को रिडीम कर सकते हैं।
ईएलएसएस निवेशकों को टैक्स सेविंग और बेहतर रिटर्न का संतुलित विकल्प प्रदान करता है। हालांकि, फंड चुनने से पहले अपनी जोखिम क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों का मूल्यांकन करना जरूरी है। SEBI द्वारा विनियमित इन फंड्स में पारदर्शिता और सुरक्षा सुनिश्चित होती है, जिससे यह एक विश्वसनीय विकल्प बनता है।