
वर्तमान समय में, सही टैक्स-सेविंग निवेश विकल्प चुनना एक चुनौतीपूर्ण कार्य हो सकता है। हर निवेशक यह चाहता है कि उसका निवेश न केवल उसे टैक्स सेविंग का लाभ दे, बल्कि उसके वित्तीय लक्ष्यों को भी पूरा करने में मदद करे। ऐसे में इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) म्यूचुअल फंड एक उत्कृष्ट विकल्प साबित हो सकता है।
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ईएलएसएस में निवेश क्यों करें?
ELSS म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए बेहतरीन विकल्प है जो अपने टैक्सेबल इनकम को कम करना चाहते हैं और साथ ही अपने निवेश पर उच्च रिटर्न प्राप्त करना चाहते हैं। यह योजना इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 80सी के अंतर्गत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती प्रदान करती है, जिससे करदाताओं को टैक्स बचत करने में सहायता मिलती है।
ईएलएसएस फंड का कार्य करने का तरीका
ELSS एक म्यूचुअल फंड योजना है, जो मुख्य रूप से शेयर बाजार में निवेश करती है। इस स्कीम के तहत निवेशकों के पैसे को विभिन्न कंपनियों के इक्विटी शेयरों में लगाया जाता है। समय के साथ, जैसे-जैसे इन शेयरों की कीमत बढ़ती है, निवेशकों को उच्च रिटर्न प्राप्त होता है।
ईएलएसएस के प्रमुख फायदे
ELSS में निवेश करने के कई फायदे हैं:
- हाई रिटर्न की संभावना – चूंकि यह इक्विटी में निवेश करता है, इसलिए इसमें अन्य टैक्स-सेविंग ऑप्शंस की तुलना में बेहतर रिटर्न की संभावना होती है।
- तीन साल की लॉक-इन अवधि – यह निवेशकों को लंबी अवधि के लिए बाजार में टिके रहने में मदद करता है, जिससे उन्हें शॉर्ट-टर्म अस्थिरता से बचने का मौका मिलता है।
- डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो – ELSS फंड्स में निवेश विभिन्न क्षेत्रों और कंपनियों में किया जाता है, जिससे जोखिम कम करने में मदद मिलती है।
- सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) का विकल्प – ELSS में SIP के जरिए छोटे-छोटे निवेश कर बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है।
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ईएलएसएस में निवेश से जुड़े जोखिम
हर निवेश के साथ कुछ जोखिम भी जुड़े होते हैं और ELSS भी इससे अछूता नहीं है। इसका मुख्य जोखिम शेयर बाजार की अस्थिरता से जुड़ा हुआ है। बाजार में गिरावट आने पर निवेश के मूल्य में भी कमी हो सकती है। साथ ही, तीन साल की लॉक-इन अवधि के दौरान निवेशक अपनी राशि को नहीं निकाल सकते हैं, जिससे उन्हें इमरजेंसी में फंड की कमी का सामना करना पड़ सकता है।
लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए बेस्ट
ELSS की तीन साल की लॉक-इन अवधि इसे लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए आदर्श बनाती है। यह निवेशकों को शॉर्ट-टर्म अस्थिरता से बचाते हुए उच्च संभावित रिटर्न दिलाने में मदद करता है। इसके अलावा, यह अन्य टैक्स सेविंग विकल्पों की तुलना में अधिक रिटर्न देने की क्षमता रखता है।