उत्तर प्रदेश के बिजनौर में तीन महत्वपूर्ण नेशनल हाईवे (NH) का निर्माण कार्य जारी है, जिसने न केवल क्षेत्रीय परिवहन को सुदृढ़ किया है, बल्कि 195 गांवों के किसानों की जिंदगी में भी अभूतपूर्व बदलाव लाया है। इन हाईवे के निर्माण से किसानों को भूमि अधिग्रहण के बदले मोटा मुआवजा प्राप्त हुआ, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में भारी सुधार हुआ। हाईवे के निर्माण में करीब 1454 करोड़ रुपये की जमीन खरीदी गई, और अब तक 1325 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया जा चुका है। शेष मुआवजा, जो करीब 8-10 प्रतिशत है, यानी 129 करोड़ रुपये, जल्द ही उन्हें मिल जाएगा।
बिजनौर में हो रहा तीन नेशनल हाईवे का निर्माण
बिजनौर में बन रहे तीन प्रमुख नेशनल हाईवे, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 74 (NH 74), भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 709 (NH 709), और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 119 (NH 119) शामिल हैं, ने किसानों के जीवन को बदलने के साथ-साथ क्षेत्र की समृद्धि में भी योगदान दिया है। इन परियोजनाओं के तहत, जहां किसानों को एक बड़ा वित्तीय लाभ हुआ, वहीं उन्होंने अपनी जीवनशैली में भी बड़ा परिवर्तन महसूस किया। आज इन गांवों में किसान बड़े घरों में रहते हैं और लग्जरी गाड़ियों में यात्रा करते हैं।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 74 (NH 74)
राष्ट्रीय राजमार्ग 74, जो हरिद्वार से काशीपुर तक फैला है, एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है, जो काफी समय से चर्चा में रहा है। इस हाईवे के निर्माण से कई बार विवाद भी उठ चुके हैं, खासकर मुआवजा घोटालों और पुल निर्माण में अनियमितताओं को लेकर। हालांकि, अब इस परियोजना का कार्य गति पकड़ चुका है। इसमें लगभग 710 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया गया है, जो इस क्षेत्र में जीवन की गुणवत्ता को सुधारने का मुख्य कारण बन रहा है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 709 (NH 709)
पानीपत-खटीमा नेशनल हाईवे (NH 709) का निर्माण भी एक बड़ा प्रोजेक्ट है, जो बिजनौर जिले से गुजरता है। यह हाईवे आने वाले समय में महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करेगा और व्यापार व यातायात को सरल बनाएगा। इस प्रोजेक्ट में कुल 20 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया गया है। इसके साथ ही, बिजनौर बाईपास को जोड़ने की योजना है, जो क्षेत्रीय यातायात को और भी सुगम बनाएगी। इस मार्ग का निर्माण कार्य अब तेजी से चल रहा है, और उम्मीद है कि मार्च 2025 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग 119 (NH 119)
राष्ट्रीय राजमार्ग 119, जो मेरठ से नजीबाबाद तक विस्तृत है, इस प्रोजेक्ट में गंगा नदी पर एक किलोमीटर लंबा पुल भी निर्माणाधीन है। इसके अलावा, नजीबाबाद-जलालाबाद तक फोरलेन रोड का निर्माण कार्य भी चल रहा है। यह हाईवे क्षेत्र की विकास दर को और भी बढ़ावा देगा और कारोबारियों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी उपलब्ध कराएगा। इस परियोजना के तहत 724 करोड़ रुपये का मुआवजा किसानों को दिया गया है।
FAQs
- इन तीन नेशनल हाईवे के निर्माण से किसानों को क्या लाभ हुआ है?
इन हाईवे के निर्माण से किसानों को अपनी ज़मीन का मुआवजा मिला, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ। अब वे बड़े घरों में रहते हैं और उन्नत जीवनशैली अपना रहे हैं। - इन हाईवे परियोजनाओं की लागत कितनी है?
तीन हाईवे के निर्माण में कुल 1454 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं, जिसमें किसानों को 1325 करोड़ रुपये मुआवजा दिया गया है। - इन हाईवे के निर्माण से स्थानीय विकास में क्या बदलाव आए हैं?
इन हाईवे के निर्माण से न केवल किसानों की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि क्षेत्रीय यातायात और व्यापारिक गतिविधियों में भी सुधार हुआ है।