
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने PF ट्रांसफर प्रक्रिया को अधिक सुगम और तेज बनाने के लिए हाल ही में अपने नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। इस नई पहल का उद्देश्य देरी को कम करना, दक्षता बढ़ाना और कर्मचारियों को अधिक पारदर्शी और सहज अनुभव प्रदान करना है। खासकर उनके लिए जो नौकरी बदलते हैं, यह बदलाव PF ट्रांसफर को सरल और परेशानी मुक्त बनाने में मददगार साबित होगा।
UAN ट्रांसफर नियम में हुआ बदलाव
1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी और आधार से जुड़े यूनिवर्सल अकाउंट नंबर (UAN) के लिए पीएफ ट्रांसफर प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। अब, इस अवधि के बाद जारी UAN से जुड़े सदस्य आईडी के लिए नियोक्ता का हस्तक्षेप आवश्यक नहीं है। इसी प्रकार, एक ही आधार नंबर से जुड़े अलग-अलग UAN के बीच ट्रांसफर के लिए भी सरल प्रक्रिया लागू की गई है।
1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी UAN से जुड़े सदस्य आईडी के बीच ट्रांसफर के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि दोनों खातों में नाम, जन्म तिथि और लिंग की जानकारी समान हो। यदि किसी कर्मचारी के पास अलग-अलग UAN हैं, और उनमें से एक 1 अक्टूबर 2017 से पहले जारी किया गया है, तो भी आधार नंबर से लिंक होने पर प्रक्रिया सरल हो जाती है।
नए नियमों के फायदे
EPFO के इन परिवर्तनों के कारण ट्रांसफर प्रक्रिया तेज और सरल हो गई है। ऑनलाइन पोर्टल पर ट्रांसफर क्लेम को सीधे मैनेज करने की सुविधा मिलने से नियोक्ता पर निर्भरता समाप्त हो गई है। यह पारदर्शिता को भी बढ़ावा देता है और सदस्यों के अनुभव को बेहतर बनाता है।
आधार को EPF UAN से लिंक करने का तरीका
आधार को EPF खाते से लिंक करना अब बेहद आसान है। इसके लिए EPFO की आधिकारिक ई-सेवा वेबसाइट पर लॉगिन करें। ‘मैनेज’ मेन्यू में जाकर ‘KYC’ विकल्प चुनें। आधार बॉक्स चेक करके अपना 12-अंकों का आधार नंबर और नाम दर्ज करें। इसके बाद जानकारी को वेरिफिकेशन के लिए सबमिट करें। UIDAI रिकॉर्ड्स से सफल वेरिफिकेशन होने पर आपका आधार EPF खाते से लिंक हो जाएगा।
FAQs
Q1: क्या PF ट्रांसफर के लिए नियोक्ता की अनुमति अनिवार्य है?
नहीं, 1 अक्टूबर 2017 के बाद जारी और आधार से जुड़े UAN के मामले में नियोक्ता की अनुमति आवश्यक नहीं है।
Q2: क्या अलग-अलग UAN के बीच ट्रांसफर संभव है?
हां, अगर वे एक ही आधार नंबर से जुड़े हैं और जानकारी समान है, तो ट्रांसफर संभव है।
Q3: आधार लिंक के बिना क्या ट्रांसफर संभव है?
आधार लिंक होना अनिवार्य है, क्योंकि वेरिफिकेशन प्रक्रिया इसके बिना पूरी नहीं हो सकती।
EPFO के इन सुधारों ने पीएफ ट्रांसफर को अधिक सुगम और तेज बना दिया है। इन परिवर्तनों से पारदर्शिता बढ़ी है और कर्मचारियों को नियोक्ता पर निर्भरता से छुटकारा मिला है। यह पहल कर्मचारियों के अनुभव को और बेहतर बनाएगी।