
2025 के पहले महीने में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। इन बदलावों ने ग्राहकों के लिए बैंकिंग सेवाओं को और अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और लाभकारी बना दिया है। प्रमुख बैंकों जैसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), बैंक ऑफ बड़ौदा (BOB) और अन्य वित्तीय संस्थानों ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD), लोन, ATM लेनदेन, और यूपीआई जैसी सेवाओं में संशोधन किए हैं।
फिक्स्ड डिपॉजिट में नए बदलाव
एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज दरों में कुछ बदलाव किए हैं। ये बदलाव दो करोड़ रुपये तक की जमा राशि के लिए लागू किए गए हैं। Banks ने 7 दिनों से लेकर 5 साल तक की विभिन्न अवधि के लिए नई ब्याज दरें निर्धारित की हैं। एक साल से कम अवधि के लिए, सामान्य जमाकर्ताओं को 6.25% का ब्याज मिलेगा, जबकि वरिष्ठ नागरिकों को 6.75% का लाभ मिलेगा। यह कदम विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है, ताकि उन्हें अधिक रिटर्न मिल सके।
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लोन पर प्रभाव और नई सुविधाएं
RBI द्वारा रेपो रेट में की गई कटौती का असर भारतीय Banks द्वारा दी जाने वाली ऋण योजनाओं पर पड़ा है। अब होम लोन, पर्सनल लोन और व्यावसायिक लोन सस्ते हो गए हैं, क्योंकि रेपो रेट 6.25% पर पहुंच चुका है। इससे ग्राहकों का EMI (Equated Monthly Installment) बोझ कम हुआ है।
इस कटौती का लाभ विशेष रूप से फ्लोटिंग रेट वाले लोन लेने वालों को होगा। छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को भी अब बेहतर शर्तों पर ऋण मिलने की संभावना बढ़ी है, जो उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है।
एटीएम लेनदेन के नए नियम
भारत के प्रमुख Banks ने एटीएम लेनदेन के नियमों में भी कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। मेट्रो शहरों में अब प्रति माह तीन मुफ्त एटीएम लेनदेन की सुविधा दी जाएगी। इसके बाद, प्रत्येक लेनदेन पर 20 रुपये और जीएसटी शुल्क लिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, बैंक ऑफ बड़ौदा ने चेक क्लियरेंस प्रक्रिया को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए ‘पॉजिटिव पे सिस्टम’ की शुरुआत की है।
इस प्रणाली के तहत चेक जारी करने से पहले Bank को विवरण भेजना अनिवार्य होगा, जिससे धोखाधड़ी की संभावना को काफी हद तक कम किया जा सकेगा। साथ ही, आईएमपीएस (IMPS) लेनदेन की सीमा भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है।
बैंक यूपीआई सेवाओं का विस्तार
यूपीआई (UPI) ने भारतीय बैंकिंग को एक नई दिशा दी है। अब यूपीआई 123पे की सीमा बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रति लेनदेन कर दी गई है, जो विशेष रूप से फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के लिए बहुत लाभकारी होगा। इस बदलाव से बैंकिंग की सुविधा और अधिक आसान हो गई है। भीम एसबीआई पे (BHIM SBI Pay) के माध्यम से क्यूआर कोड स्कैन करके बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के तुरंत भुगतान किया जा सकता है, जो ग्राहकों के लिए एक बड़ा लाभ है।
डिजिटल बैंकिंग की सुरक्षा में सुधार
भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल Banking को और अधिक सुरक्षित बनाने के लिए नए पोर्टल लॉन्च किए हैं। ‘Bank.in’ और ‘फिन.इन’ पोर्टल के जरिए ग्राहक अपनी Banking सेवाओं को सुरक्षित रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं। इन पोर्टल्स पर धोखाधड़ी की रिपोर्टिंग और शिकायत निवारण की सुविधा भी उपलब्ध है, जिससे ग्राहकों को कोई समस्या होने पर तुरंत सहायता मिल सकेगी।
बैंकिंग अवकाश और सावधानियां
ग्राहकों को सूचित किया जाता है कि ग्यारह फरवरी 2025 को कुछ राज्यों में बैंक बंद रहेंगे। इसलिए, यह सलाह दी जाती है कि ग्राहक अपनी जरूरी Banking गतिविधियां पहले ही निपटा लें। ऑनलाइन बैंकिंग करते समय अपनी व्यक्तिगत जानकारी और पासवर्ड को सुरक्षित रखें और किसी के साथ साझा न करें, ताकि आपके खाते की सुरक्षा बनी रहे।
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FAQs
1. एसबीआई और BOB द्वारा फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज दरें कब से लागू होंगी?
ये ब्याज दरें 2025 की शुरुआत से लागू हो चुकी हैं। ग्राहक इन्हें अपनी जमा राशि के अनुसार चेक कर सकते हैं।
2. क्या रेपो रेट में कटौती से सभी प्रकार के लोन सस्ते हो गए हैं?
नहीं, रेपो रेट की कटौती का लाभ केवल फ्लोटिंग रेट वाले लोन पर ही मिलेगा। फिक्स्ड रेट लोन पर इसका असर नहीं पड़ेगा।
3. एटीएम लेनदेन की नई नीति कब से लागू होगी?
यह नई नीति 2025 के शुरुआती महीनों से लागू हो चुकी है। मेट्रो शहरों में अब प्रत्येक माह तीन मुफ्त लेनदेन होंगे।
4. यूपीआई 123पे के माध्यम से अब कितने रुपये का भुगतान किया जा सकता है?
अब यूपीआई 123पे के माध्यम से प्रति लेनदेन 10,000 रुपये तक का भुगतान किया जा सकता है।
2025 की शुरुआत में भारतीय Banking क्षेत्र में किए गए बदलावों से ग्राहकों को काफी लाभ होने की उम्मीद है। ब्याज दरों में वृद्धि, सस्ते लोन, एटीएम लेनदेन की नई नीति, और यूपीआई सेवाओं के विस्तार से बैंकिंग की प्रक्रिया और भी सुगम हो गई है। इन बदलावों को समझकर ग्राहक अपनी बैंकिंग गतिविधियों को और अधिक प्रभावी तरीके से संचालित कर सकते हैं