FD पर टैक्स से बचना है? जानें वो खास नियम जब ब्याज पर नहीं देना होगा एक भी पैसा!

अगर आप बैंक FD में निवेश कर रहे हैं, तो यह जानना जरूरी है कि कब आपको ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा! कुछ खास नियम और छूट के तहत आप अपना पूरा रिटर्न टैक्स फ्री कर सकते हैं। जानिए FD पर टैक्स बचाने के तरीके, किन मामलों में टीडीएस नहीं कटेगा और कौन-से निवेशक उठा सकते हैं इस नियम का फायदा!

By Praveen Singh
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FD पर टैक्स से बचना है? जानें वो खास नियम जब ब्याज पर नहीं देना होगा एक भी पैसा!
FD पर टैक्स से बचना है?

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) को सुरक्षित निवेश के रूप में देखा जाता है, जहां निवेशकों को स्थिर रिटर्न मिलता है। हालांकि, FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स लगता है, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इस पर टैक्स नहीं देना पड़ता है। कई निवेशकों को इस बात की पूरी जानकारी नहीं होती कि किन हालातों में FD ब्याज पर टैक्स से बचा जा सकता है।

TDS क्या होता है? जानिए इसकी संपूर्ण जानकारी

टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) सरकार द्वारा आय के स्रोत पर सीधे काटा जाने वाला कर है। जब आप ब्याज, वेतन या किराए जैसी आय प्राप्त करते हैं, तो उस पर TDS लागू होता है। बैंक भी FD पर मिलने वाले ब्याज पर TDS काटते हैं और इसे सरकार के खाते में जमा करते हैं। हालांकि, आप आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करके अतिरिक्त TDS की राशि वापस ले सकते हैं। यह प्रक्रिया कर संग्रह को सुव्यवस्थित करने और टैक्स चोरी को रोकने के लिए की जाती है।

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FD ब्याज पर कब कटता है TDS?

बैंकों में किए गए Fixed Deposit पर बैंक ब्याज प्रदान करता है, और इस ब्याज पर TDS लागू होता है। बैंक सरकार द्वारा निर्धारित दरों के अनुसार TDS काटकर इसे सरकार के खाते में जमा करता है। यदि आपका कुल ब्याज ₹40,000 से कम है, तो TDS नहीं काटा जाता है। लेकिन यदि ब्याज ₹40,000 से अधिक हो जाता है, तो 10% की दर से TDS काटा जाता है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राहत:
यदि कोई Senior Citizen (वरिष्ठ नागरिक) हैं, तो उनके लिए यह सीमा ₹50,000 तक की होती है। यानी यदि कोई वरिष्ठ नागरिक FD से सालाना ₹50,000 तक का ब्याज प्राप्त करता है, तो उस पर TDS नहीं काटा जाएगा।

FD ब्याज पर टैक्स की गणना कैसे होती है?

फिक्स्ड डिपॉजिट पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से करयोग्य आय माना जाता है। यह आयकर अधिनियम के तहत ‘अन्य स्रोत से आय’ (Income from Other Sources) के रूप में गिना जाता है। TDS की गणना निम्नलिखित कारकों पर निर्भर करती है:

  • आपकी कुल ब्याज आय
  • आपकी आयकर स्लैब
  • आपकी कर योग्य कुल आय

अगर आपकी सालाना आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आपको टैक्स का भुगतान नहीं करना पड़ता। हालांकि, यदि बैंक द्वारा TDS काटा गया है, तो आप ITR दाखिल कर रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।

FD ब्याज पर टैक्स से कैसे बच सकते हैं?

  • फॉर्म 15G और 15H भरें:
    • यदि आपकी कुल आय कर योग्य सीमा से कम है, तो आप बैंक में Form 15G (नॉन-सीनियर सिटीजन) या Form 15H (सीनियर सिटीजन) जमा करके TDS से बच सकते हैं।
  • FD को अलग-अलग बैंकों में वितरित करें:
    • यदि आप एक ही बैंक में अधिक FD कर रहे हैं, तो ₹40,000 से अधिक ब्याज होने पर TDS कट सकता है। इसे रोकने के लिए, FD को अलग-अलग बैंकों में करें।
  • पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (POTD) पर विचार करें:
    • यदि आप कर बचत करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट एक विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें कुछ योजनाओं पर टैक्स लाभ मिलता है।

पैन कार्ड न होने पर कितना कटेगा TDS?

यदि आपके पास PAN कार्ड नहीं है, तो बैंक 20% की दर से TDS काटेगा। इसलिए, यह आवश्यक है कि आप अपने बैंक खाते से पैन कार्ड को लिंक करें ताकि केवल 10% TDS कटे और अतिरिक्त कर का भुगतान न करना पड़े।

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FAQs

1. क्या FD का ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री हो सकता है?
नहीं, FD पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से कर योग्य होता है। हालांकि, यदि आपकी कुल आय टैक्स की सीमा से नीचे है, तो आप फॉर्म 15G या 15H भरकर TDS से बच सकते हैं।

2. क्या एक से अधिक FD कराने से TDS नहीं कटेगा?
अगर आपके सभी FD एक ही बैंक में हैं और उनका कुल ब्याज ₹40,000 से अधिक है, तो TDS कटेगा। लेकिन आप अलग-अलग बैंकों में FD करके इसे आंशिक रूप से कम कर सकते हैं।

3. क्या FD पर मिलने वाले ब्याज पर वरिष्ठ नागरिकों को छूट मिलती है?
हाँ, वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष या उससे अधिक) के लिए FD पर ₹50,000 तक के ब्याज पर TDS नहीं कटेगा।

4. अगर बैंक ने गलती से अधिक TDS काट लिया तो क्या करें?
यदि आपके टैक्स की देनदारी कम है और बैंक ने ज्यादा TDS काट लिया है, तो आप आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करके रिफंड प्राप्त कर सकते हैं।

5. क्या FD की ब्याज दरों में बदलाव हो सकता है?
हाँ, बैंकों की ब्याज दरें बाजार की परिस्थितियों और RBI की मौद्रिक नीति के अनुसार समय-समय पर बदलती रहती हैं।

फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) पर ब्याज सुरक्षित लेकिन करयोग्य आय होती है। हालांकि, यदि आपकी सालाना ब्याज आय ₹40,000 (सामान्य नागरिक) और ₹50,000 (वरिष्ठ नागरिक) से कम है, तो आपको टैक्स नहीं देना पड़ेगा। इसके अलावा, फॉर्म 15G/15H भरकर TDS से बचा जा सकता है। यदि आपकी आयकर देनदारी कम है, तो ITR फाइल कर अतिरिक्त कटे हुए टैक्स की राशि वापस प्राप्त की जा सकती है। सही वित्तीय योजना और निवेश से आप FD का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

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