
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) भारतीय निवेशकों के बीच एक पसंदीदा विकल्प है क्योंकि यह सुरक्षित होता है और निश्चित रिटर्न प्रदान करता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एफड़ी किसके नाम पर कराई जाए, इससे ब्याज दर पर प्रभाव पड़ सकता है? आमतौर पर लोग टैक्स सेविंग के लिए अपनी पत्नी के नाम पर एफड़ी करवाते हैं, लेकिन इससे ब्याज दर पर कोई असर नहीं पड़ता। वहीं, अगर एफड़ी अपनी मां के नाम पर कराई जाए, तो आपको ज्यादा ब्याज और कई अतिरिक्त फायदे मिल सकते हैं।
मां के नाम पर FD कराने के फायदे
अगर आपकी मां सीनियर सिटीजन (60 वर्ष या उससे अधिक) हैं, तो उन्हें बैंक की ओर से सामान्य एफड़ी से 0.50% अधिक ब्याज दर दी जाती है। वहीं, अगर आपकी मां सुपर सीनियर सिटीजन (80 वर्ष या उससे अधिक) हैं, तो उन्हें 0.75% से 0.80% ज्यादा ब्याज मिल सकता है।
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टैक्स लाभ (Tax Benefits)
- हायर एग्जेंप्शन लिमिट: अगर आपकी मां सीनियर सिटीजन हैं, तो उन्हें 3 लाख रुपये और सुपर सीनियर सिटीजन होने पर 5 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है।
- टीडीएस छूट: सामान्य एफड़ी पर 40,000 रुपये से अधिक ब्याज मिलने पर 10% TDS कटता है, लेकिन सीनियर सिटीजन के लिए यह सीमा 50,000 रुपये होती है।
- लोअर टैक्स ब्रैकेट: अगर आपकी मां की कोई और आय नहीं है, तो वे लोअर टैक्स ब्रैकेट में आएंगी, जिससे टैक्स देनदारी कम होगी।
इमरजेंसी फंड और वित्तीय सुरक्षा
अगर आपकी मां के पास कोई नियमित आय का स्रोत नहीं है, तो एफड़ी का ब्याज उनके लिए एक स्थायी आय का जरिया बन सकता है। साथ ही, किसी भी आपात स्थिति में इसे आसानी से तोड़ा जा सकता है, जिससे वित्तीय सुरक्षा बनी रहती है।
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FAQs
1. क्या मैं अपनी पत्नी के नाम पर FD करवा सकता हूं?
हाँ, लेकिन इससे ब्याज दर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, जबकि सीनियर सिटीजन के नाम पर एफड़ी कराने से अधिक रिटर्न मिल सकता है।
2. क्या FD पर टैक्स देना जरूरी है?
अगर आपकी FD से प्राप्त ब्याज आपकी मां के कुल टैक्सेबल इनकम के दायरे में आता है, तो टैक्स देना होगा। लेकिन सीनियर सिटीजन को अधिक छूट मिलती है, जिससे टैक्स देनदारी कम हो सकती है।
3. क्या मां के नाम पर FD करवाने से मैं टैक्स बचा सकता हूँ?
हाँ, क्योंकि सीनियर सिटीजन को अधिक टैक्स छूट मिलती है। साथ ही, उनकी इनकम लोअर टैक्स ब्रैकेट में होने से आपकी टैक्स देनदारी कम हो सकती है।
अगर आप चाहते हैं कि आपकी FD पर अधिक ब्याज मिले और टैक्स की बचत भी हो, तो इसे अपनी मां के नाम पर कराना एक स्मार्ट रणनीति हो सकती है। विशेष रूप से, अगर आपकी मां सीनियर या सुपर सीनियर सिटीजन हैं, तो उन्हें उच्च ब्याज दर और टैक्स छूट दोनों का लाभ मिलेगा। यह न केवल आपके परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा, बल्कि आपकी मां के लिए एक स्थायी वित्तीय सुरक्षा भी प्रदान करेगा।