
आज के समय में निवेश से पहले हर किसी के मन में सवाल उठता है कि कौन-सी स्कीम में पैसा लगाया जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा रिटर्न मिले और रिस्क भी कम रहे। Fixed Deposit (FD) और Public Provident Fund (PPF) भारत की सबसे लोकप्रिय बचत योजनाएं हैं, जिनमें लोग लंबे समय से निवेश कर रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि आपके लिए कौन-सी स्कीम बेहतर होगी?
Fixed Deposit (FD) क्या है और इसके फायदे?
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) एक बैंकिंग योजना है, जिसमें निवेशक एकमुश्त राशि को एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं और उस पर पूर्व-निर्धारित ब्याज दर प्राप्त करते हैं। यह निवेश बिल्कुल सुरक्षित होता है और इसमें बाजार के उतार-चढ़ाव का कोई असर नहीं पड़ता।
FD के प्रमुख लाभ:
- लचीलापन: निवेशक अपनी सुविधा के अनुसार 7 दिन से लेकर 10 साल तक की अवधि के लिए पैसा जमा कर सकते हैं।
- ब्याज दरें: वर्तमान में 4% से 8.05% तक ब्याज दर मिल रही है, जो अलग-अलग बैंकों पर निर्भर करती है।
- आयकर छूट: यदि आप 5 साल या उससे अधिक की अवधि के लिए FD करते हैं, तो आपको धारा 80C के तहत टैक्स में छूट मिल सकती है।
- लिक्विडिटी: जरूरत पड़ने पर FD को समय से पहले तोड़ा जा सकता है, हालांकि इसमें प्री-मैच्योर पेनल्टी लगती है।
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Public Provident Fund (PPF) क्या है और क्यों जरूरी है?
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) भारत सरकार द्वारा संचालित लॉन्ग-टर्म सेविंग स्कीम है, जो सेवानिवृत्ति के लिए सुरक्षित फंड बनाने के लिए बेहद फायदेमंद है। इसमें 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है और यह पूरी तरह टैक्स-फ्री रिटर्न प्रदान करता है।
PPF के प्रमुख लाभ:
- सरकार की गारंटी: यह भारत सरकार द्वारा समर्थित योजना है, इसलिए यह 100% सुरक्षित होती है।
- ब्याज दर: मौजूदा समय में PPF पर 7.1% सालाना चक्रवृद्धि ब्याज दिया जा रहा है।
- टैक्स छूट: इसमें निवेश की गई राशि, अर्जित ब्याज और मेच्योरिटी राशि तीनों पर कोई टैक्स नहीं लगता (EEE कैटेगरी)।
- न्यूनतम और अधिकतम निवेश: आप साल में कम से कम ₹500 और अधिकतम ₹1.5 लाख तक निवेश कर सकते हैं।
- लोन सुविधा: PPF खाते में 3 साल पूरे होने के बाद लोन भी लिया जा सकता है।
FD vs PPF: कौन-सा विकल्प बेहतर?
1. निवेश की अवधि
- FD: 7 दिन से 10 साल तक
- PPF: 15 साल की लॉक-इन अवधि (5 साल बाद आंशिक निकासी संभव)
2. ब्याज दरें
- FD: 4% – 8.05% (बैंक और अवधि पर निर्भर)
- PPF: 7.1% (सरकार द्वारा निर्धारित)
3. टैक्स बेनेफिट्स
- FD: केवल 5+ साल की FD पर धारा 80C के तहत छूट
- PPF: पूरी तरह टैक्स-फ्री (EEE कैटेगरी)
4. लिक्विडिटी और निकासी सुविधा
- FD: किसी भी समय तोड़ा जा सकता है (प्री-मैच्योर पेनल्टी के साथ)
- PPF: 5 साल बाद आंशिक निकासी और 15 साल बाद पूरी राशि निकाली जा सकती है
5. जोखिम और सुरक्षा
- FD: बिल्कुल सुरक्षित लेकिन ब्याज दरें बैंक पर निर्भर करती हैं
- PPF: 100% सुरक्षित और सरकार द्वारा गारंटीड
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FAQs
Q. अगर जल्दी पैसे की जरूरत पड़े तो कौन-सा बेहतर रहेगा?
FD बेहतर ऑप्शन है, क्योंकि इसमें जरूरत पड़ने पर जल्दी पैसा निकाला जा सकता है, जबकि PPF में 15 साल की लॉक-इन अवधि होती है।
Q. क्या FD पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है?
हां, FD पर मिलने वाला ब्याज टैक्सेबल होता है, लेकिन अगर आप 5 साल या उससे ज्यादा की टैक्स-सेविंग FD करते हैं, तो निवेश की गई राशि धारा 80C के तहत टैक्स-फ्री हो जाती है।
Q. क्या मैं FD और PPF दोनों में निवेश कर सकता हूं?
हां, आप दोनों स्कीम में निवेश कर सकते हैं। अगर आप शॉर्ट-टर्म और इमरजेंसी फंड के लिए निवेश कर रहे हैं तो FD चुनें, और लॉन्ग-टर्म सेविंग्स और टैक्स बेनेफिट्स के लिए PPF एक बेहतर विकल्प है।
Q. कौन-सा बेहतर है: बैंक FD या पोस्ट ऑफिस FD?
पोस्ट ऑफिस FD सरकार द्वारा गारंटीड होती है, जबकि बैंक FD बैंक की वित्तीय स्थिति पर निर्भर करती है। हालांकि, बैंकों की FD में ब्याज दर ज्यादा हो सकती है।
अगर आप शॉर्ट-टर्म निवेश और जल्दी पैसे की जरूरत को ध्यान में रखते हैं, तो FD एक अच्छा विकल्प है। लेकिन अगर आप लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन और टैक्स सेविंग चाहते हैं, तो PPF आपके लिए बेस्ट ऑप्शन है। अगर आपके पास ₹5 लाख का निवेश बजट है, तो आप ₹2 लाख FD में और ₹1.5 लाख PPF में डाल सकते हैं, जिससे बैलेंस्ड पोर्टफोलियो बनेगा।