
भारत में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) को चार मुख्य दरों में विभाजित किया गया है—5 फीसदी, 12 फीसदी, 18 फीसदी और 28 फीसदी। इनमें से 28 फीसदी GST का स्लैब सबसे ऊंचा है, जो विशेष रूप से कुछ खास प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर लागू किया जाता है। यह उच्चतम टैक्स दर उन प्रोडक्ट्स पर लगाई जाती है, जिन्हें या तो लग्जरी (Luxury Items) माना जाता है या जिनकी खपत को नियंत्रित करने की जरूरत होती है।
इन प्रोडक्ट्स पर लगता है सबसे ज्यादा GST
ऑटोमोबाइल, तंबाकू उत्पाद, सॉफ्ट ड्रिंक्स, जुआ (Betting) और प्रीमियम सर्विसेज जैसी चीजों पर सरकार 28 फीसदी GST लगाती है। इसका उद्देश्य राजस्व बढ़ाने के साथ-साथ इन वस्तुओं की खरीद को सीमित करना भी है। लेकिन इससे उद्योग जगत और आम आदमी की जेब पर क्या असर पड़ता है?
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किन प्रोडक्ट्स पर लगता है 28 फीसदी GST?
वर्तमान में, 28 फीसदी GST कुछ खास प्रोडक्ट्स और सेवाओं पर लगाया जाता है, जिनमें मुख्य रूप से निम्नलिखित शामिल हैं:
- ऑटोमोबाइल (Automobile): बड़ी और लग्जरी कारों, SUV और हाई-एंड मोटरसाइकिलों पर 28 फीसदी GST के साथ अतिरिक्त सेस भी लगता है।
- तंबाकू और सिगरेट (Tobacco & Cigarettes): हेल्थ रिस्क को देखते हुए सरकार इन उत्पादों पर सबसे ज्यादा टैक्स लगाती है।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स (Soft Drinks): कोल्ड ड्रिंक्स और शुगर-बेस्ड बेवरेजेज पर भी यह उच्च दर लागू होती है।
- कैसीनो और सट्टेबाजी (Casinos & Betting): किसी भी तरह की जुआ गतिविधियों पर सरकार 28 फीसदी GST लगाती है।
- लग्जरी वस्त्र और घड़ियां (Luxury Items): महंगे कपड़े, घड़ियां, प्रीमियम ब्रांड्स के सामानों पर यह टैक्स लागू होता है।
- पान मसाला और फायर वर्क्स (Pan Masala & Fireworks): इनमें भी हाई टैक्स लगाया जाता है ताकि इनकी खपत को नियंत्रित किया जा सके।
इन उत्पादों पर इतना भारी टैक्स क्यों लगाया जाता है?
28 फीसदी GST लगाने का मुख्य उद्देश्य दो प्रमुख कारणों से जुड़ा हुआ है, राजस्व संग्रह (Revenue Generation) में सरकार को इंफ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य योजनाओं के लिए फंड की जरूरत होती है, और उच्च टैक्स से यह संभव होता है।
खपत को नियंत्रित करना (Discouraging Consumption) में तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला, सट्टेबाजी और सॉफ्ट ड्रिंक्स जैसे उत्पाद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए सरकार इनकी खपत कम करने के लिए इन पर ज्यादा टैक्स लगाती है। ऑटोमोबाइल और प्रीमियम आइटम्स पर यह तर्क दिया जाता है कि ये बेसिक जरूरतें नहीं हैं, बल्कि विलासिता की वस्तुएं हैं, इसलिए इन पर अधिक कर लगाया जाता है।
28 फीसदी GST का हमारी जेब पर असर
जब किसी वस्तु पर 28 फीसदी GST लगाया जाता है, तो उसकी कीमत स्वाभाविक रूप से बढ़ जाती है। इसका असर आम आदमी की जेब पर भी पड़ता है:
- ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री: उच्च GST के कारण कई मध्यम वर्गीय लोग बड़ी कारें खरीदने से बचते हैं, जिससे बिक्री में गिरावट आती है।
- सॉफ्ट ड्रिंक्स: महंगे होने के कारण लोग इनका कम उपभोग करते हैं, जिससे संबंधित उद्योग प्रभावित होते हैं।
- महंगाई पर असर: जब किसी प्रोडक्ट की कीमत बढ़ती है, तो उसके सप्लाई चैन में भी महंगाई आती है, जिससे अन्य वस्तुएं भी महंगी हो सकती हैं।
- राजस्व का इस्तेमाल: हालांकि, सरकार इस टैक्स से अर्जित धन को इंफ्रास्ट्रक्चर और विकास परियोजनाओं (Infrastructure & Development Projects) में निवेश करती है, जिससे देश को फायदा होता है।
28 फीसदी GST पर एक्सपर्ट्स की राय
अर्थशास्त्रियों और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स की इस विषय पर मिश्रित राय है। ऑटोमोबाइल सेक्टर से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि बड़ी गाड़ियों को अब विलासिता नहीं, बल्कि जरूरत समझा जाना चाहिए, इसलिए उन पर 28 फीसदी GST लगाना अनुचित है।
सॉफ्ट ड्रिंक्स कंपनियां यह मानती हैं कि इन पर इतना अधिक टैक्स लगाना उनकी बिक्री को प्रभावित कर रहा है, जबकि यह प्रोडक्ट अब जीवनशैली का हिस्सा बन चुका है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि उच्च GST से उपभोग कम होता है, जिससे आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो सकती हैं। लेकिन सरकार को स्वास्थ्य और पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए इस तरह के उत्पादों पर टैक्स जारी रखना चाहिए।
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FAQs
1. क्या 28 फीसदी GST भविष्य में कम हो सकता है?
संभावना है कि कुछ उद्योगों के दबाव के कारण सरकार भविष्य में कुछ वस्तुओं पर GST दरों को संशोधित कर सकती है।
2. क्या सभी कारों पर 28 फीसदी GST लगता है?
नहीं, छोटी कारों और कम ईंधन खपत वाली गाड़ियों पर कम GST लगाया जाता है।
3. क्या सिगरेट और तंबाकू पर 28 फीसदी GST के अलावा भी कोई टैक्स लगता है?
हाँ, इन पर अतिरिक्त सेस और एक्साइज ड्यूटी भी लगाई जाती है।
4. सॉफ्ट ड्रिंक्स पर इतना अधिक टैक्स क्यों लगाया जाता है?
सरकार इसे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानती है और इसकी खपत को कम करना चाहती है।
5. क्या GST से सरकार को अधिक राजस्व मिलता है?
हाँ, उच्च GST दरों से सरकार को अधिक राजस्व प्राप्त होता है, जिसे विभिन्न योजनाओं में उपयोग किया जाता है।
28 फीसदी GST भारत में कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर लगाया जाता है, जिनकी श्रेणी में लग्जरी आइटम्स, स्वास्थ्य के लिए हानिकारक उत्पाद और जुए जैसी गतिविधियाँ आती हैं। सरकार इसे राजस्व बढ़ाने और उपभोग को नियंत्रित करने के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण मानती है। हालांकि, उद्योग जगत और विशेषज्ञ इस पर बहस कर रहे हैं कि क्या कुछ वस्तुओं को इस उच्चतम टैक्स स्लैब में रखा जाना चाहिए या नहीं।