
इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करना किसी भी करदाता के लिए बेहद जरूरी होता है। यह न केवल आपकी वित्तीय जिम्मेदारी को दर्शाता है, बल्कि टैक्स सेविंग और लॉन्ग-टर्म फाइनेंशियल प्लानिंग में भी मदद करता है। जो लोग आईटीआर समय पर फाइल नहीं करते, उन्हें पेनल्टी, ब्याज और कानूनी जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है।
ITR फाइल करना क्यों है जरूरी?
आयकर विभाग प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए आईटीआर दाखिल करने की अंतिम तिथि निर्धारित करता है। यदि कोई करदाता इसे तय समय सीमा के भीतर जमा नहीं करता, तो उसे लेट फीस देनी पड़ती है। यदि वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अंतिम तिथि के बाद भी आईटीआर दाखिल करने का अवसर था, लेकिन इसके लिए लेट फीस देनी पड़ी। यदि आपकी कुल वार्षिक आय ₹5 लाख से कम है, तो ₹1000 का जुर्माना देना पड़ता है, जबकि ₹5 लाख से अधिक होने पर यह राशि ₹5000 हो सकती है।
किन परिस्थितियों में ITR फाइल करना अनिवार्य है?
ITR केवल उन्हीं लोगों के लिए जरूरी नहीं है जिनकी आयकर सीमा पार कर चुकी है, बल्कि कई विशेष परिस्थितियों में भी इसे भरना अनिवार्य होता है। यदि किसी व्यक्ति के सेविंग अकाउंट में कुल डिपॉजिट ₹50 लाख से अधिक हो गया है। यदि किसी के पास एक या अधिक करंट अकाउंट हैं और उनमें कुल ₹1 करोड़ या अधिक जमा किया गया है।
यदि किसी व्यक्ति ने विदेश यात्रा पर ₹2 लाख या अधिक खर्च किया है। यदि किसी व्यक्ति ने बिजली बिल के रूप में ₹1 लाख या अधिक का भुगतान किया है। यदि किसी बिजनेस का कुल टर्नओवर या ग्रॉस रिसीट्स ₹60 लाख या अधिक है। यदि किसी प्रोफेशनल की सालाना ग्रॉस रिसीट्स ₹10 लाख या उससे अधिक है। यदि किसी व्यक्ति का टोटल टैक्स डिडक्शन और कलेक्शन ₹25,000 या अधिक है।
ITR न भरने पर होने वाले नुकसान
आईटीआर समय पर दाखिल न करने से करदाताओं को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपने समय पर आईटीआर दाखिल नहीं किया, तो आप लॉस कैरी फॉरवर्ड करने के लाभ से वंचित रह जाएंगे। यानी आप अगले वित्तीय वर्षों में अपनी कमाई पर टैक्स देनदारी कम नहीं कर पाएंगे। देरी से आईटीआर फाइल करने पर आपको ₹1000 से लेकर ₹5000 तक की लेट फीस देनी पड़ सकती है। साथ ही, अगर टैक्स बकाया है तो धारा 234A के तहत ब्याज भी देना होगा।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के पास विभिन्न स्रोतों से आपकी आय की जानकारी होती है। यदि आपने आईटीआर नहीं भरा, तो विभाग आपके खिलाफ नोटिस जारी कर सकता है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई कर सकता है। आईटीआर न भरने से आपका सिबिल स्कोर प्रभावित हो सकता है, जिससे आपको लोन, क्रेडिट कार्ड या किसी अन्य वित्तीय सुविधा को प्राप्त करने में कठिनाई हो सकती है। प्रमुख वित्तीय कार्यों जैसे होम लोन, बिजनेस लोन, वीसा अप्लिकेशन, हाई-वैल्यू इंवेस्टमेंट्स आदि के लिए आईटीआर का होना जरूरी होता है।
FAQs
1. ITR फाइल करने की अंतिम तिथि क्या होती है?
सामान्यतः प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई होती है। हालांकि, सरकार परिस्थितियों के आधार पर इसे बढ़ा सकती है।
2. क्या केवल सैलरी पाने वाले लोगों को ही आईटीआर भरना चाहिए?
नहीं, बिजनेस करने वाले, फ्रीलांसर, पेशेवर, और अन्य आय स्रोतों से कमाने वाले लोगों को भी आईटीआर भरना आवश्यक होता है।
3. यदि मेरी आयकर सीमा में नहीं आती, तो भी मुझे आईटीआर फाइल करना चाहिए?
हां, यदि आप उपरोक्त किसी भी विशेष श्रेणी में आते हैं, तो आपको आईटीआर फाइल करना जरूरी होगा। इसके अलावा, आईटीआर फाइल करने से भविष्य में लोन, क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय लाभों में आसानी होती है।
4. क्या आईटीआर फाइल न करने पर जेल हो सकती है?
यदि किसी व्यक्ति की टैक्स देनदारी अधिक है और वह जानबूझकर आईटीआर नहीं भरता, तो आयकर विभाग धारा 276CC के तहत कानूनी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ जेल की सजा भी हो सकती है।
ITR फाइल करना केवल टैक्स भरने तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपकी वित्तीय प्लानिंग का महत्वपूर्ण हिस्सा है। समय पर आईटीआर फाइल करने से आप न केवल कानूनी जटिलताओं से बचते हैं, बल्कि अपने भविष्य को भी सुरक्षित बनाते हैं। यदि आप तय समय में आईटीआर फाइल नहीं करते हैं, तो आपको लेट फीस, ब्याज और कानूनी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए, अपनी आय की सही जानकारी देते हुए, समय पर आईटीआर फाइल करना बेहद आवश्यक है।