UPS vs NPS: गारंटी वाली पेंशन के बावजूद NPS क्यों है बेहतर? जानें कैलकुलेशन और फायदे

सरकार की नई UPS स्कीम ने कर्मचारियों में मचाया हड़कंप! लेकिन NPS का ऐसा गणित है, जिसे समझकर आप सोचने पर मजबूर हो जाएंगे कि कौन सा विकल्प असल में है फायदेमंद।

By Praveen Singh
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UPS vs NPS: गारंटी वाली पेंशन के बावजूद NPS क्यों है बेहतर? जानें कैलकुलेशन और फायदे
UPS vs NPS

सरकार ने हाल ही में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को लागू करने की घोषणा की है, जिसे नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) का बेहतर विकल्प बताया गया है। लेकिन जब इसकी गहराई में जाते हैं, तो आंकड़े और विशेषज्ञ राय कुछ और ही कहानी बयां करते हैं। UPS vs NPS दोनों योजनाओं की तुलना करने के लिए कैलकुलेशन के माध्यम से इनके फायदे और नुकसान को समझा जा सकता है।

सरकार ने UPS के तहत कर्मचारियों को गारंटी वाली पेंशन देने का वादा किया है, लेकिन एक प्रमुख बदलाव यह है कि रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को उनकी पूरी जमा राशि लमसम अमाउंट के रूप में नहीं दी जाएगी। इस निर्णय ने कर्मचारियों के बीच असंतोष पैदा किया है।

UPS vs NPS के बीच तुलना

मान लीजिए किसी कर्मचारी की औसत सैलरी ₹80,000 है और उसने 25 साल तक नौकरी की। NPS में कर्मचारी अपनी सैलरी का 10% योगदान देता है, जबकि सरकार 14% अंशदान करती है। इस प्रकार, कुल मिलाकर सैलरी का 24% हिस्सा हर महीने NPS में जमा होता है। 25 वर्षों में यह निवेश ₹57.60 लाख का हो जाता है। इस पर 9% वार्षिक ब्याज मानकर यह फंड ₹2,16,86,983 तक पहुंच जाता है।

दूसरी ओर, UPS में कर्मचारी का अंशदान 10% रहता है, लेकिन सरकार का योगदान बढ़कर 18.5% हो जाता है। इस प्रकार, कुल मिलाकर 28.5% सैलरी हर महीने UPS में जमा होती है। 25 वर्षों में यह निवेश ₹68.40 लाख का हो जाता है और 9% ब्याज के साथ यह फंड ₹2,57,53,292 तक पहुंच जाता है।

NPS से क्या मिलेगा?

NPS में रिटायरमेंट के समय आपको जमा फंड का 60%, यानी ₹1,30,12,190 एकमुश्त लौटा दिया जाएगा। शेष 40% का उपयोग एन्युटी खरीदने में होगा, जिससे हर महीने ₹43,374 की पेंशन मिलेगी। साथ ही, आपका 40% बचा हुआ पैसा बाद में वापस मिल जाएगा।

UPS का गणित

UPS में आपका पूरा फंड सरकार के पास रहेगा। इसके बदले में, हर छह महीने की सेवा पूरी होने पर, सैलरी का 10% दिया जाएगा। 25 वर्षों में 50 बार यह राशि दी जाएगी, जो कुल ₹24 लाख बनती है। इसके अतिरिक्त, पेंशन आखिरी बेसिक सैलरी का 50% होगी। अगर बेसिक सैलरी ₹1 लाख मानें, तो पेंशन ₹50,000 होगी।

UPS vs NPS: कौन बेहतर?

डॉ. आनंदवीर सिंह, अटेवा के यूपी प्रदेश सलाहकार, का कहना है कि NPS में ₹43,000 पेंशन के साथ ₹1.30 करोड़ एकमुश्त मिलते हैं। अगर इस राशि को FD में डालें और 6% ब्याज मानें, तो अतिरिक्त ₹65,000 मिलेंगे। कुल मिलाकर, NPS में हर महीने ₹1.08 लाख की पेंशन मिलेगी। दूसरी ओर, UPS में ₹50,000 पेंशन और ₹24 लाख की राशि मिलती है, जिससे हर महीने ₹62,000 बनते हैं।

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NPS में कर्मचारी का करोड़ों का फंड बना रहता है, जबकि UPS में यह पूरी राशि सरकार के पास चली जाती है। ऐसे में, UPS को NPS से बेहतर बताना कर्मचारियों के लिए सही साबित नहीं हो रहा है।

FAQs

1. क्या NPS में गारंटी वाली पेंशन मिलती है?
NPS में गारंटी नहीं होती, लेकिन एकमुश्त राशि और एन्युटी से अच्छी खासी पेंशन मिलती है।

2. UPS vs NPS में मुख्य अंतर क्या है?
UPS में गारंटी पेंशन है, लेकिन फंड सरकार के पास रहेगा। NPS में फंड आपका है और बेहतर रिटर्न मिलता है।

3. NPS से रिटायरमेंट के बाद कितनी राशि मिल सकती है?
NPS से एकमुश्त ₹1.30 करोड़ और हर महीने ₹43,000 की पेंशन मिलती है।

NPS में कर्मचारी को फंड पर बेहतर नियंत्रण और अधिक पेंशन मिलती है। UPS में गारंटी पेंशन के बावजूद, एकमुश्त फंड की कमी इसे NPS से कमतर बनाती है।

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