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12वीं पास किसान ने सबको कर दिया हैरान, कमा रहा इतना मुनाफा, सुनकर कान हो जाएंगे खड़े

महज 12वीं पास जीतू पाठक ने परंपरागत खेती छोड़कर बागवानी और सब्जी उत्पादन से कमाई के नए रास्ते खोजे। जानिए उनकी मेहनत, संघर्ष और सफलता की प्रेरक कहानी, जिसने न सिर्फ उनकी किस्मत बदली, बल्कि पूरे इलाके के किसानों को भी नई दिशा दिखाई।

By Praveen Singh
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12वीं पास किसान ने सबको कर दिया हैरान, कमा रहा इतना मुनाफा, सुनकर कान हो जाएंगे खड़े

उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के भरथना क्षेत्र के मेढी दुधी गांव के किसान जीतू पाठक की कहानी आज के समय में प्रेरणा का एक आदर्श उदाहरण बन चुकी है। सिर्फ 12वीं पास जीतू पाठक ने परंपरागत खेती से बाहर निकलकर बागवानी और सब्जी उत्पादन की दिशा में कदम बढ़ाया। अपनी मेहनत और सूझबूझ से उन्होंने महज पांच साल में 25 लाख रुपये सालाना की कमाई करना शुरू कर दिया। यह कहानी न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि सही दिशा में मेहनत और स्मार्ट कृषि तकनीकों का प्रयोग करके किसान किस तरह अपने जीवन को बदल सकते हैं।

परंपरागत खेती से बागवानी तक का सफर

जीतू पाठक ने पहले चार एकड़ (20 बीघा) ज़मीन पर परंपरागत खेती की थी, जिसमें आलू और धान जैसी फसलें उगाते थे। लेकिन हर साल मौसम की मार और घाटे की वजह से उनके लिए कृषि व्यवसाय मुनाफे का स्रोत नहीं बन पा रहा था। फिर उन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर बागवानी और सब्जी उत्पादन में हाथ आजमाने का फैसला किया। इस बदलाव ने उनकी किस्मत पलट दी। शुरू में चार एकड़ में बागवानी और सब्जी की खेती शुरू करने के बाद आज वे 18 एकड़ (90 बीघा) ज़मीन पर विभिन्न फसलें उगाते हैं। इस में से 14 एकड़ भूमि उन्होंने लीज़ पर ली है, जिसकी सालाना लागत ₹38,000 है।

खेती में विविधता और बड़े पैमाने पर उत्पादन

वर्तमान समय में जीतू पाठक के खेतों में केला, पपीता, गेंदा, पत्ता गोभी, गोभी, शिमला मिर्च, आलू, और हरी मिर्च जैसी फसलें उगाई जाती हैं। इनकी फसलें कानपुर, इटावा, औरैया, जालौन, मैनपुरी और आसपास के अन्य जिलों में भेजी जाती हैं। किसान ने 12 मजदूरों को काम पर रखा है और उन्हें ₹300 प्रति दिन के हिसाब से मजदूरी देते हैं। उनकी मेहनत और कृषि उत्पादों की गुणवत्ता के कारण उनकी खेती की खपत काफी बढ़ चुकी है और अब वे कई बड़े बाजारों तक अपनी फसलें पहुंचा रहे हैं।

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व्यावसायिक दृष्टिकोण से लाभकारी निर्णय

जीतू पाठक ने खेती से होने वाली आय से दो ट्रैक्टर खरीदे हैं, जिनमें से एक ट्रैक्टर फसलों के काम में आता है और दूसरा ट्रैक्टर एक ईंट भट्ठे पर काम आता है, जिससे अतिरिक्त आय प्राप्त होती है। इसके अलावा, उन्होंने अपनी मेहनत से नया घर भी बनवाया है। उनके द्वारा उगाए जाने वाले गेंदा के फूलों की खास मांग है। एक सप्ताह में दो कुंतल गेंदा का फूल निकलता है, और एक दिन में 60 किलो गेंदा का फूल उत्पादन होता है। खासकर सहालग के सीजन में इस फूल की डिमांड बढ़ जाती है। वर्तमान में गेंदा की कीमत ₹40 प्रति किलो है, जो उनके व्यवसाय को और अधिक लाभकारी बनाता है।

समाज और कृषि क्षेत्र में सम्मानित किसान

इटावा जिले के जिला उद्यान अधिकारी श्याम सिंह ने भी जीतू पाठक की मेहनत और समर्पण की सराहना की है। उनके अनुसार, जीतू एक प्रगतिशील किसान हैं, जिन्होंने बागवानी और सब्जी उत्पादन में उत्कृष्टता हासिल की है। उनकी कड़ी मेहनत और सफलता को देखते हुए उन्हें चौधरी चरण सिंह के तहत आयोजित किसान दिवस पर सम्मानित भी किया जा चुका है।

(FAQs)

  1. क्या जीतू पाठक ने बागवानी में किस तरह की फसलें उगाई हैं?
    जीतू पाठक वर्तमान में केला, पपीता, गेंदा, पत्ता गोभी, शिमला मिर्च, आलू और गोभी की खेती करते हैं।
  2. जीतू पाठक की खेती से कितनी आय होती है?
    जीतू पाठक की सालाना आय करीब ₹25 लाख है, जो मुख्य रूप से बागवानी और सब्जी उत्पादन से होती है।
  3. क्या जीतू पाठक ने खेती के अलावा अन्य व्यवसाय में भी निवेश किया है?
    हां, जीतू पाठक ने खेती से मिली आय से दो ट्रैक्टर खरीदे हैं और एक ट्रैक्टर ईंट भट्ठे पर काम आता है।

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