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High Court: पति के बाद पत्नी का प्रॉपर्टी में होता हैं इतना अधिकार, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला

क्या पति की मौत के बाद पत्नी बनती है संपत्ति की अकेली मालकिन? हाईकोर्ट के इस अहम निर्णय से जानें पत्नी और अन्य उत्तराधिकारियों के अधिकार, वसीयत का असर और कानून के नियम।

By Praveen Singh
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High Court: पति के बाद पत्नी का प्रॉपर्टी में होता हैं इतना अधिकार, हाईकोर्ट ने दिया बड़ा फैसला
पति के बाद पत्नी का प्रॉपर्टी में होता हैं इतना अधिकार

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने हाल ही में हिंदू विधवाओं के प्रॉपर्टी अधिकारों पर एक अहम फैसला सुनाया है। इस फैसले में पति की संपत्ति (Husband’s Property) पर पत्नी के अधिकारों को स्पष्ट किया गया है। कोर्ट ने यह भी बताया है कि पति की मृत्यु के बाद पत्नी को संपत्ति का जीवनभर इस्तेमाल करने का हक है, लेकिन इसके कुछ नियम और शर्तें भी हैं। आइए जानते हैं, इस फैसले की अहम बातें।

पति की प्रॉपर्टी पर पत्नी का अधिकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि किसी हिंदू महिला के पास खुद की कोई कमाई नहीं है, तो वह अपने पति की संपत्ति का जीवनभर इस्तेमाल कर सकती है। हालांकि, यह अधिकार संपत्ति पर पूर्ण स्वामित्व (Ownership) का नहीं होता। कोर्ट ने कहा कि पति की वसीयत (Will) के अनुसार ही संपत्ति का उपयोग और प्रबंधन किया जा सकता है।

संपत्ति बेचने का अधिकार नहीं

फैसले के अनुसार, पत्नी को पति की संपत्ति (Husband’s Property) बेचने, किसी और को देने या इसे ट्रांसफर करने का अधिकार नहीं होगा। यदि संपत्ति पर अन्य उत्तराधिकारी (Heirs) जैसे बच्चे या पोते-पोतियां दावा करते हैं, तो संपत्ति का बंटवारा वसीयत के अनुसार किया जाएगा।

वित्तीय सुरक्षा के लिए अहम

जज प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि ऐसी स्थिति में जब किसी महिला के पास आय का स्रोत न हो और वह पति पर निर्भर रही हो, तो पति द्वारा वसीयत में दी गई प्रॉपर्टी उसके लिए जीवनभर की वित्तीय सुरक्षा का साधन बन सकती है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि महिला पूरी संपत्ति की एकमात्र मालकिन बन जाती है।

मामला क्या था?

यह मामला एक संपत्ति विवाद (Property Dispute) से जुड़ा था। पति की मृत्यु के बाद उनकी वसीयत के आधार पर पत्नी को संपत्ति के उपयोग का अधिकार दिया गया। पत्नी 23 साल से उस संपत्ति में रह रही थीं, और ट्रायल कोर्ट ने उन्हें संपत्ति की एकमात्र मालिक घोषित कर दिया था। लेकिन इस फैसले को अन्य उत्तराधिकारियों ने चुनौती दी, जिसमें छह बच्चों और एक पोती ने संपत्ति पर अपना दावा जताया।

कोर्ट का निर्णय

दिल्ली हाईकोर्ट ने इस मामले में कहा कि वसीयत में स्पष्ट था कि पत्नी को प्रॉपर्टी का उपयोग करने का अधिकार है, लेकिन उसे बेचने या ट्रांसफर करने का नहीं। कोर्ट ने कहा कि वसीयत में संपत्ति का बंटवारा पहले से ही निर्धारित है और उसे ही लागू किया जाएगा।

पति की संपत्ति पर अधिकार कैसे तय होता है?

  • वसीयत की भूमिका: यदि पति ने अपनी वसीयत में पत्नी के अधिकार को स्पष्ट किया है, तो संपत्ति का प्रबंधन उसी के अनुसार होगा।
  • अन्य उत्तराधिकारियों का दावा: यदि बच्चों या अन्य उत्तराधिकारियों का दावा है, तो संपत्ति का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम (Hindu Succession Act) के तहत किया जाएगा।
  • संपत्ति का उपयोग: पत्नी को केवल संपत्ति का उपयोग और उससे होने वाली आमदनी का लाभ उठाने का अधिकार है।

(FAQs)

1. क्या पत्नी को पति की प्रॉपर्टी पर पूर्ण अधिकार मिलता है?
नहीं, पत्नी को पति की संपत्ति का उपयोग करने का अधिकार मिलता है, लेकिन इसे बेचने या ट्रांसफर करने का नहीं।

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2. क्या पति की वसीयत के बिना पत्नी को प्रॉपर्टी पर अधिकार मिलेगा?
यदि वसीयत नहीं है, तो प्रॉपर्टी का बंटवारा हिंदू उत्तराधिकार अधिनियम के अनुसार होगा।

3. क्या पत्नी संपत्ति से होने वाली आमदनी का उपयोग कर सकती है?
हां, पत्नी को संपत्ति से होने वाली आमदनी का उपयोग करने का पूरा हक है।

4. अगर अन्य उत्तराधिकारी संपत्ति पर दावा करें तो क्या होगा?
अन्य उत्तराधिकारियों का दावा वसीयत या कानून के अनुसार तय किया जाएगा।

5. क्या पत्नी संपत्ति किसी और को गिफ्ट कर सकती है?
नहीं, पत्नी को संपत्ति गिफ्ट करने का अधिकार नहीं है। वसीयत में दिए गए नियमों का पालन करना अनिवार्य है।

यह फैसला हिंदू विधवाओं के संपत्ति अधिकारों पर एक महत्वपूर्ण स्पष्टता लाता है। कोर्ट ने यह सुनिश्चित किया है कि महिलाएं अपने जीवन की वित्तीय सुरक्षा के लिए संपत्ति का उपयोग कर सकें, लेकिन इसे बेचने या अन्य रूप से प्रबंधित करने के अधिकार को सीमित कर दिया गया है।

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