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Bank Rules Changes: 15 दिसंबर से SBI ने बदले ब्याज दर के नियम, अब कितनी होगी होम लोन की EMI?

भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने अपने MCLR दरों में किया बड़ा बदलाव। जानिए कैसे यह आपके होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI को प्रभावित करेगा। क्या आपको मिलेगी राहत या बढ़ेगा कर्ज का बोझ? सभी जरूरी डिटेल्स यहां पढ़ें।

By Praveen Singh
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Bank Rules Changes: 15 दिसंबर से SBI ने बदले ब्याज दर के नियम, अब कितनी होगी होम लोन की EMI?
15 दिसंबर से SBI ने बदले ब्याज दर के नियम

भारतीय स्टेट बैंक (State Bank of India SBI) ने 15 दिसंबर 2024 से अपने मार्जिनल कॉस्ट ऑफ लेंडिंग रेट (MCLR) में बदलाव किया है। यह बदलाव 15 जनवरी 2025 तक लागू रहेगा। इस फैसले का सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन की EMI पर पड़ सकता है। बैंक ने अपनी नई ब्याज दरों की घोषणा करते हुए कहा है कि इन दरों को जस का तस रखा गया है, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिलेगी।

SBI की नई ब्याज दरें

एसबीआई (SBI) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, ओवरनाइट एमसीएलआर (MCLR) 8.2% है। एक महीने और तीन महीने की दर क्रमशः 8.2% और 8.55% है। इसके अलावा, छह महीने की ब्याज दर 8.90% और एक साल की ब्याज दर 9.00% है। दो साल के लिए ब्याज दर 9% और तीन साल के लिए 9.1% तय की गई है। एसबीआई की लोन पॉलिसी में 42% कर्ज MCLR से जुड़ा हुआ है, इसलिए इसमें बदलाव का असर लाखों ग्राहकों की EMI पर हो सकता है।

EMI पर क्या होगा असर?

MCLR वह न्यूनतम दर होती है, जिसके नीचे कोई भी बैंक लोन नहीं देता। इसका मतलब है कि MCLR में बदलाव होने पर सीधे लोन की ब्याज दर और EMI प्रभावित होती है। हालांकि, इस बार SBI ने ब्याज दरों को यथावत रखा है, जिससे ग्राहकों को बड़ी राहत मिली है।

जब भी MCLR बढ़ता है, लोन की EMI भी रीसेट डेट पर बढ़ जाती है। लेकिन इस बार ब्याज दरें स्थिर रहने के कारण लोन धारकों को अतिरिक्त बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। यह फैसला उन ग्राहकों के लिए फायदेमंद है, जो अपने मासिक बजट को लेकर चिंतित रहते हैं।

MCLR क्यों है महत्वपूर्ण?

MCLR का इस्तेमाल बैंकों द्वारा कर्ज की ब्याज दर तय करने के लिए किया जाता है। यह दर बैंकों की उधार लागत, ऑपरेटिंग खर्च, कैश रिजर्व रेशियो और टेन्योर प्रीमियम जैसे फैक्टर्स पर निर्भर करती है।

इस दर के स्थिर रहने से उन ग्राहकों को राहत मिलती है, जिनके लोन MCLR से जुड़े होते हैं। खासतौर पर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन धारक इससे सीधे प्रभावित होते हैं।

SBI के इस फैसले का बाजार पर प्रभाव

SBI द्वारा ब्याज दरों को स्थिर रखना ग्राहकों और बाजार दोनों के लिए एक सकारात्मक कदम है। इससे न केवल मौजूदा लोन धारकों को राहत मिलेगी, बल्कि नए लोन लेने वाले ग्राहक भी आकर्षित होंगे। यह फैसला ऐसे समय में आया है, जब अन्य बैंक ब्याज दरों में वृद्धि कर रहे हैं। ऐसे में SBI का यह कदम इसे प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखेगा और बैंक के प्रति ग्राहकों का भरोसा बढ़ाएगा।

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

विशेषज्ञों का मानना है कि ब्याज दरें स्थिर रहने से ग्राहक अपने फाइनेंशियल प्लानिंग को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकेंगे। इसके अलावा, यह कदम बाजार में स्थिरता बनाए रखने में भी मदद करेगा। हालांकि, यह देखना दिलचस्प होगा कि अगली समीक्षा में SBI ब्याज दरों में कोई बदलाव करता है या नहीं।

FAQs

1. SBI की नई ब्याज दरें कब से लागू होंगी?
नई ब्याज दरें 15 दिसंबर 2024 से लागू होकर 15 जनवरी 2025 तक प्रभावी रहेंगी।

2. क्या SBI ने ब्याज दरों में कोई बढ़ोतरी की है?
नहीं, SBI ने अपनी MCLR दरों को जस का तस रखा है।

3. MCLR का EMI पर क्या प्रभाव पड़ता है?
MCLR में बढ़ोतरी से लोन की ब्याज दर और EMI बढ़ जाती है। इस बार दरों में कोई बदलाव न होने से EMI पर कोई असर नहीं होगा।

4. SBI की वर्तमान MCLR दरें क्या हैं?
ओवरनाइट और 1 महीने की MCLR 8.2%, 3 महीने की 8.55%, 6 महीने की 8.90%, और 1 साल की 9.00% है।

5. क्या MCLR दरें सभी प्रकार के लोन पर लागू होती हैं?
हां, होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसे विभिन्न लोन MCLR दरों से जुड़े होते हैं।

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