FD में निवेश करने जा रहे हैं? इन 5 बातों को नजरअंदाज किया तो हो सकता है बड़ा नुकसान

Fixed Deposit (FD) सुरक्षित निवेश माना जाता है, लेकिन क्या आप इसके जोखिमों को जानते हैं? गलत फैसले आपके रिटर्न पर भारी पड़ सकते हैं! जानें वो 5 जरूरी बातें जो आपको आर्थिक नुकसान से बचा सकती हैं और निवेश को ज्यादा फायदेमंद बना सकती हैं।

By Praveen Singh
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FD में निवेश करने जा रहे हैं? इन 5 बातों को नजरअंदाज किया तो हो सकता है बड़ा नुकसान
FD में निवेश करने जा रहे हैं?

FD (Fixed Deposit) को अब तक सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक माना जाता है। लोग इसे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि इसमें पूंजी सुरक्षित रहती है और एक निश्चित ब्याज दर के साथ रिटर्न मिलता है। हालांकि, एफडी में निवेश करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है, ताकि किसी भी प्रकार के संभावित नुकसान से बचा जा सके।

FD में निवेश करने जा रहे हैं?

कई निवेशक बिना पूरी जानकारी के एफडी में पैसा लगा देते हैं और बाद में उन्हें कुछ शर्तों और नियमों की वजह से परेशानी होती है।यदि आप भी एफडी में पैसा लगाने की सोच रहे हैं, तो पहले इसकी ब्याज दर, टैक्स देनदारी, टीडीएस कटौती, महंगाई का प्रभाव और अन्य जरूरी पहलुओं को समझना चाहिए। सही प्लानिंग के बिना किया गया निवेश बाद में अपेक्षित लाभ नहीं दे पाता।

FD पर ब्याज पर टैक्स (Tax on FD Interest)

एफडी पर मिलने वाले ब्याज को आपकी ग्रॉस इनकम में जोड़ा जाता है और उस पर टैक्स लगाया जाता है। बहुत से निवेशकों को यह गलतफहमी होती है कि एफडी से मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से उनका होगा, लेकिन यह पूरी तरह सच नहीं है। अगर आपकी कुल वार्षिक आय इनकम टैक्स स्लैब में आती है, तो एफडी से होने वाली कमाई पर भी टैक्स देना पड़ेगा।

इसे बेहतर तरीके से समझने के लिए मान लीजिए कि आपकी एफडी पर सालाना ₹50,000 का ब्याज मिलता है और आपकी आय ₹5 लाख है, तो यह ब्याज आपकी टैक्सेबल इनकम में जुड़ जाएगा। यदि आप टैक्स स्लैब में आते हैं, तो इस पर टैक्स कटेगा।

TDS से बचाव के लिए 15G/15H फॉर्म भरना जरूरी

एफडी में निवेश करने वालों को टीडीएस (TDS – Tax Deducted at Source) से बचने के लिए फॉर्म 15G (नॉन-सीनियर सिटिजन) या 15H (सीनियर सिटिजन) भरकर बैंक में जमा करना चाहिए। अगर आपकी कुल आय ₹2.5 लाख से कम है, तो आप यह फॉर्म भरकर टीडीएस कटौती से बच सकते हैं।

यदि आपका बैंक एफडी से मिलने वाले ब्याज पर ₹40,000 (सीनियर सिटिजन के लिए ₹50,000) से अधिक टीडीएस काट रहा है, तो आप फॉर्म 15G/15H भरकर उसे रोक सकते हैं। यह तरीका उन निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद है, जिनकी आयकर सीमा में नहीं आती है।

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3. FD बनाम म्यूचुअल फंड: कहां ज्यादा रिटर्न?

एफडी को सुरक्षित माना जाता है, लेकिन इसमें रिटर्न (Interest Rate) कम होता है। वर्तमान में बैंकों की एफडी पर ब्याज दरें 6% से 8% तक ही सीमित रहती हैं। जबकि, म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) खासकर इक्विटी फंड्स में लंबे समय में 12% से 18% तक का रिटर्न मिल सकता है।

हालांकि, म्यूचुअल फंड्स में जोखिम (Risk) ज्यादा होता है, लेकिन यदि आप लंबे समय तक निवेश करने को तैयार हैं और महंगाई के असर से बचना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एफडी से ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। एफडी कम जोखिम वाले निवेशकों के लिए सही है, जबकि लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए म्यूचुअल फंड बेहतर विकल्प हो सकता है।

FD की ब्याज दरें महंगाई को नहीं हरा पातीं

महंगाई (Inflation) को ध्यान में रखकर निवेश करना बहुत जरूरी है। कई बार ऐसा होता है कि एफडी पर मिलने वाली ब्याज दरें महंगाई की दर से कम होती हैं। अगर आपकी एफडी पर ब्याज 7% है और महंगाई दर 8% है, तो वास्तविक रूप में आपका निवेश नकारात्मक (Negative Return) हो सकता है।

इसका मतलब यह है कि महंगाई के कारण एफडी से मिलने वाला रिटर्न आपकी पूंजी का वास्तविक मूल्य नहीं बढ़ाता, बल्कि घटा सकता है। इसलिए, एफडी में निवेश करने से पहले महंगाई दर का विश्लेषण करना चाहिए और अन्य बेहतर विकल्पों की तलाश करनी चाहिए।

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FD में ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, जिसका असर होता है

एफडी में सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि एक बार जो ब्याज दर तय हो जाती है, वह पूरे कार्यकाल तक समान रहती है। यदि आप किसी बैंक की एफडी में 7% की ब्याज दर पर निवेश करते हैं और भविष्य में ब्याज दरें 8% या 9% तक बढ़ जाती हैं, तो भी आपको पुरानी दर ही मिलेगी।

इसके विपरीत, कुछ निवेश योजनाएं ऐसी भी होती हैं, जिनमें ब्याज दरें बाजार के हिसाब से बढ़ती-घटती हैं। उदाहरण के लिए, पीपीएफ (Public Provident Fund), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), एनएससी (NSC) और अन्य गवर्नमेंट बॉन्ड्स जैसी योजनाओं में ब्याज दरों में बदलाव का फायदा मिल सकता है।

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FAQs

Q1: क्या एफडी में निवेश पूरी तरह सुरक्षित है?
हाँ, एफडी को सुरक्षित निवेश माना जाता है क्योंकि यह बैंकिंग सिस्टम के तहत आता है और सरकार द्वारा गारंटीशुदा होता है। लेकिन, इसमें महंगाई और टैक्स का असर जरूर पड़ता है।

Q2: क्या मैं अपनी एफडी को समय से पहले तोड़ सकता हूँ?
हाँ, लेकिन इसके लिए बैंक पेनल्टी चार्ज करता है। यह चार्ज बैंक की पॉलिसी और एफडी की अवधि पर निर्भर करता है।

Q3: क्या सभी बैंकों में एफडी पर एक जैसी ब्याज दर मिलती है?
नहीं, सरकारी और निजी बैंकों में ब्याज दरें अलग-अलग होती हैं। कुछ स्मॉल फाइनेंस बैंक एफडी पर ज्यादा ब्याज देते हैं।

Q4: क्या मैं एफडी पर लोन ले सकता हूँ?
हाँ, बैंक आपकी एफडी के बदले लोन (Loan Against FD) की सुविधा देते हैं, जो आमतौर पर एफडी की राशि के 80-90% तक हो सकता है।

Q5: एफडी से अच्छा निवेश विकल्प क्या हो सकता है?
अगर आप लंबी अवधि में ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड्स, स्टॉक्स, पीपीएफ और बॉन्ड्स बेहतर विकल्प हो सकते हैं।

एफडी एक अच्छा निवेश विकल्प है, लेकिन इसके कुछ पहलू हैं जो निवेशकों को नुकसान भी पहुँचा सकते हैं। टैक्स, महंगाई और ब्याज दर स्थिर रहने जैसी बातों को ध्यान में रखकर निवेश करना बेहद जरूरी है। अगर आप कम जोखिम के साथ सुरक्षित निवेश चाहते हैं, तो एफडी आपके लिए सही हो सकती है। लेकिन, अगर ज्यादा रिटर्न की तलाश में हैं, तो अन्य विकल्पों को भी देखें।

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