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Land Registry: अब इन बातों का रखना होगा ध्यान, कल से बदल जाएंगे जमीन रजिस्ट्री के नियम

ई-रजिस्ट्री प्रणाली से जमीन की खरीद-बिक्री होगी आसान, सत्यापन के लिए आधार कार्ड होगा अनिवार्य। पारदर्शिता और समय की बचत के साथ भ्रष्टाचार पर लगेगी लगाम। जानिए इस नई डिजिटल प्रक्रिया की हर डिटेल!

By Praveen Singh
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Land Registry: अब इन बातों का रखना होगा ध्यान, कल से बदल जाएंगे जमीन रजिस्ट्री के नियम
Land Registry

17 दिसंबर 2024 से जिला निबंधन कार्यालय में जमीन, मकान और अन्य अचल संपत्तियों की रजिस्ट्री के लिए ई-रजिस्ट्री (e-Registry) प्रक्रिया लागू होगी। इससे फर्जीवाड़ा रोकने के साथ-साथ रजिस्ट्री के कार्य में पारदर्शिता और सुगमता आएगी। जिला अवर निबंधक मनीष कुमार ने बताया कि यह नई प्रक्रिया न सिर्फ खरीददारों और विक्रेताओं के लिए फायदेमंद होगी, बल्कि इससे निबंधन कार्यालय के कामकाज में भी सुधार होगा।

e-Registry क्या प्रक्रिया है?

e-Registry प्रक्रिया के तहत जमीन या अन्य संपत्ति की खरीद-बिक्री से पहले सत्यापन के लिए आवेदन देना होगा। आवेदन की जांच के बाद निबंधन कार्यालय स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क की जानकारी देगा। इसके आधार पर चालान और डीड तैयार कराई जाएगी। डीड तैयार होने के बाद आवेदक को सिटीजन पोर्टल पर विवरण भरना होगा। इसके बाद विभाग द्वारा जमीन की खरीद-बिक्री के लिए स्लॉट दिया जाएगा और यह तय किया जाएगा कि किस ऑपरेटर के द्वारा आगे की प्रक्रिया की जाएगी।

आधार आधारित सत्यापन से फर्जीवाड़ा होगा खत्म

ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया में क्रेता, विक्रेता और गवाह सभी की बायोमीट्रिक जांच की जाएगी। साथ ही, आधार कार्ड का सत्यापन भी अनिवार्य होगा। इसके अंतर्गत सभी दस्तावेजों और फोटो का मिलान किया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में कोई व्यक्ति यह दावा न करे कि उसने जमीन नहीं बेची या खरीदी थी।

आधार नंबर के साथ सभी डेटा को राष्ट्रीय स्तर पर रिकॉर्ड किया जाएगा। इससे किसी भी व्यक्ति की संपत्ति खरीद-बिक्री की जानकारी कहीं से भी प्राप्त की जा सकेगी।

दस्तावेजों को फाइनल करेगा जिला अवर निबंधक

सभी डेटा और सत्यापन प्रक्रिया पूरी होने के बाद जिला अवर निबंधक द्वारा दस्तावेजों को फाइनल किया जाएगा। साथ ही, विक्रेता और गवाह का एकरारनामा भी इसी स्तर पर होगा। यदि कोई व्यक्ति निर्धारित स्लॉट में रजिस्ट्री नहीं करा पाता है, तो उसे नई तारीख दी जाएगी।

ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया से न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि निबंधन कार्यालय के काम का बोझ भी कम होगा। सत्यापन प्रक्रिया पहले ही पूरी हो जाने से आगे की रजिस्ट्री में कोई बाधा नहीं आएगी। साथ ही, लोगों को पहले से सभी दस्तावेज तैयार करने का लाभ मिलेगा।

अन्य जिलों में पहले से लागू है यह प्रक्रिया

मुजफ्फरपुर के पारू, मोतीपुर, कटरा और सकरा उप-निबंधन कार्यालयों में ई-रजिस्ट्री प्रणाली पहले से लागू है। जिला निबंधन कार्यालय में इसके शुरू होने से बड़ी संख्या में लोगों को लाभ मिलेगा।

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पारदर्शिता और सुविधा का लाभ

नई प्रक्रिया से रजिस्ट्री में पारदर्शिता आएगी। साथ ही, किसी प्रकार की अतिरिक्त राशि खर्च नहीं करनी होगी। स्टांप शुल्क और निबंधन शुल्क पूरी तरह से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत तय होंगे, जिससे भ्रष्टाचार पर भी रोक लगेगी।

FAQs

2. ई-रजिस्ट्री से क्या फायदे होंगे?
ई-रजिस्ट्री से फर्जीवाड़ा रुकने, समय की बचत होने और पारदर्शिता बढ़ने के साथ लोगों को सुविधा मिलेगी।

3. क्या आधार कार्ड अनिवार्य है?
हां, प्रक्रिया के तहत क्रेता, विक्रेता और गवाह का आधार कार्ड सत्यापन अनिवार्य है।

4. क्या ई-रजिस्ट्री से कोई अतिरिक्त शुल्क लगेगा?
नहीं, ई-रजिस्ट्री प्रक्रिया में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

5. क्या स्लॉट मिस होने पर प्रक्रिया दोबारा करनी होगी?
नहीं, स्लॉट मिस होने पर नई तारीख दी जाएगी और प्रक्रिया वहीं से शुरू होगी।

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