Fixed Deposit New Rule: FD को लेकर RBI का बड़ा बदलाव! तुरंत जानें ये नया नियम

रिजर्व बैंक ने फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) से जुड़े नियमों में अहम बदलाव किया है, जिससे निवेशकों पर सीधा असर पड़ेगा। अब मैच्योरिटी के बाद ब्याज दरों और निकासी नियमों में हुए बदलाव से आपकी बचत पर क्या असर होगा? जानिए नया नियम, इसका लाभ और जरूरी सावधानियां!

By Praveen Singh
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Fixed Deposit New Rule: FD को लेकर RBI का बड़ा बदलाव! तुरंत जानें ये नया नियम
FD New Rule

यदि आपकी भी किसी बैंक में फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) है, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एफड़ी से जुड़ा एक अहम बदलाव किया है, जिससे निवेशकों को बड़ा फायदा होगा। अब तक बैंक ₹15 लाख तक की एफड़ी पर प्री-मैच्योर विदड्रॉल की सुविधा देते थे, लेकिन RBI ने इस लिमिट को बढ़ाकर ₹1 करोड़ कर दिया है। इसका मतलब है कि अब निवेशक अपनी जमा पूंजी को आवश्यकता पड़ने पर समय से पहले भी निकाल सकते हैं।

Fixed Deposit New Rule

RBI ने 26 अक्टूबर 2023 को जारी एक सर्कुलर में कहा कि नॉन-कोलेबल (Non-Callable) एफड़ी में प्री-मैच्योर विदड्रॉल की न्यूनतम सीमा को ₹15 लाख से बढ़ाकर ₹1 करोड़ किया जा रहा है। इस बदलाव के बाद, अब ₹1 करोड़ तक के सभी डोमेस्टिक टर्म डिपॉजिट (Domestic Term Deposit) पर समय से पहले पैसे निकालने की सुविधा मिलेगी। यह नया नियम सभी कमर्शियल बैंकों और को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा।

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FD के प्रकार और उनका असर

बैंक दो तरह की FD ऑफर करते हैं – कोलेबल (Callable) और नॉन-कोलेबल (Non-Callable)।

  • कोलेबल FD: इस प्रकार की एफड़ी में अकाउंट होल्डर को जरूरत पड़ने पर मेच्योरिटी से पहले कुछ या पूरा अमाउंट निकालने की सुविधा मिलती है, लेकिन बैंक इस पर जुर्माना वसूलते हैं।
  • नॉन-कोलेबल FD: इस एफड़ी में समय से पहले पैसा नहीं निकाला जा सकता, लेकिन यह अधिक ब्याज दर ऑफर करती है, क्योंकि इसमें रकम एक निश्चित अवधि तक ब्लॉक रहती है।

NRE/NRO डिपॉजिट पर भी लागू होगा नियम

RBI के सर्कुलर के मुताबिक, यह नया नियम NRE (Non-Resident External) और NRO (Non-Resident Ordinary) फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी लागू होगा। हालांकि, बैंकों को यह आजादी दी गई है कि वे प्री-मैच्योर विदड्रॉल के बिना NRE/NRO FD ऑफर कर सकते हैं, लेकिन ₹1 करोड़ तक की जमा राशि के लिए इस सुविधा को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराना होगा।

ब्याज दरों पर प्रभाव

मई 2022 से RBI लगातार ब्याज दरों में बढ़ोतरी कर रहा है, जिससे बैंकों ने भी एफड़ी पर आकर्षक ब्याज दरें देना शुरू कर दिया है। RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में संकेत दिया था कि डिपॉजिट और लोन रेट्स में और भी बढ़ोतरी की संभावना है। इस बदलाव से निवेशकों को ज्यादा रिटर्न मिल सकता है और वे अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग बेहतर तरीके से कर सकते हैं।

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FAQs

1. नया एफड़ी नियम कब से लागू हुआ है?
यह नया नियम 26 अक्टूबर 2023 से प्रभावी हो चुका है।

2. क्या यह सभी बैंकों पर लागू होगा?
हां, यह नियम सभी कमर्शियल और को-ऑपरेटिव बैंकों पर लागू होगा।

3. क्या नॉन-रेसिडेंट (NRE/NRO) एफड़ी पर भी यह नियम लागू होगा?
हां, यह NRE/NRO फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी लागू होगा, लेकिन कुछ शर्तों के साथ।

4. क्या सभी एफड़ी पर अब प्री-मैच्योर विदड्रॉल संभव है?
नहीं, केवल ₹1 करोड़ तक की FD पर यह सुविधा मिलेगी, जबकि इससे अधिक राशि की नॉन-कोलेबल FD पर यह लागू नहीं होगी।

5. क्या इस बदलाव से ब्याज दरों पर कोई असर पड़ेगा?
संभावना है कि बैंकों को ब्याज दरों में हल्का बदलाव करना पड़ सकता है, लेकिन इससे निवेशकों को ज्यादा फ्लेक्सिबिलिटी मिलेगी।

RBI का यह नया नियम एफड़ी निवेशकों के लिए बेहद फायदेमंद साबित होगा। अब तक केवल ₹15 लाख तक की एफड़ी पर प्री-मैच्योर विदड्रॉल की सुविधा थी, लेकिन अब यह सीमा ₹1 करोड़ तक बढ़ा दी गई है। इससे निवेशकों को अपने पैसे निकालने की ज्यादा स्वतंत्रता मिलेगी, जिससे वे अपनी वित्तीय जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। साथ ही, यह बदलाव NRE और NRO डिपॉजिट्स पर भी लागू होगा, जिससे NRIs को भी लाभ मिलेगा।

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