
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में पैसा लगाने वालों के लिए बजट 2025 एक खुशखबरी लेकर आया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस साल के आम बजट में FD पर मिलने वाले ब्याज पर टैक्स कटौती (TDS) की सीमा बढ़ाने का ऐलान किया है। इससे खासतौर पर सीनियर सिटिज़न्स को बड़ी राहत मिलेगी, क्योंकि उनकी ब्याज इनकम पर टैक्स छूट की सीमा दोगुनी कर दी गई है। इस फैसले से बचत करने वालों को अधिक रिटर्न मिलेगा और टैक्स कम कटेगा।
कैसे बदलेगा TDS नियम?
बजट 2025 के नए नियमों के अनुसार, अब सामान्य नागरिकों के लिए FD के ब्याज पर टैक्स डिडक्शन एट सोर्स (TDS) की सीमा ₹40,000 से बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है। यानी अगर किसी निवेशक की ब्याज आय ₹50,000 तक है, तो उस पर कोई TDS नहीं कटेगा। इससे छोटे और मध्यम निवेशकों को राहत मिलेगी, क्योंकि अब उन्हें अपनी ब्याज आय पर कम टैक्स देना होगा।
उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए गीता नाम की निवेशक की उम्र 35 साल है और उसकी FD पर सालाना ₹50,000 ब्याज मिलता है। पहले की तुलना में अब गीता को कोई TDS नहीं देना पड़ेगा। हालांकि, अगर ब्याज ₹50,000 से अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि पर टैक्स देय होगा।
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वरिष्ठ नागरिकों की FD के लिए बड़ी राहत
वरिष्ठ नागरिकों (60 वर्ष से अधिक उम्र के निवेशकों) के लिए यह बजट और भी फायदेमंद साबित होगा। उनकी FD पर ब्याज आय पर TDS कटौती की सीमा अब ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1,00,000 कर दी गई है। इसका मतलब यह है कि वे अब ₹1 लाख तक की ब्याज आय पर बिना कोई TDS चुकाए अधिक लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
Bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी के अनुसार, “बढ़ी हुई टैक्स छूट न केवल फिक्स्ड डिपॉजिट बल्कि सॉवरेन बॉन्ड पर भी लागू होगी, जिससे वरिष्ठ नागरिकों को बेहतर रिटर्न मिलेगा और उनकी वित्तीय सुरक्षा मजबूत होगी।”
TDS कैसे काम करता है?
यदि ब्याज आय तय सीमा के भीतर है, तो कोई TDS नहीं कटेगा। यदि सीमा से अधिक ब्याज अर्जित होता है, तो पैन कार्ड उपलब्ध होने पर 10% TDS कटेगा। पैन कार्ड न होने की स्थिति में TDS दर 20% होगी। जॉइंट FD में TDS मुख्य खाता धारक के नाम पर लागू होगा।
अगर आप FD में निवेश करना चाहते हैं, तो आपको यह भी जानना जरूरी है कि किन बैंकों में सबसे अधिक ब्याज मिल रहा है। छोटे फाइनेंस बैंकों में इस समय उच्च ब्याज दरें मिल रही हैं, जिससे निवेशकों को अच्छा रिटर्न मिल सकता है।
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FAQs
1. बजट 2025 में FD पर TDS छूट का लाभ कौन ले सकता है?
सभी FD निवेशक, जिनकी ब्याज आय तय सीमा के भीतर है, वे नए नियमों के तहत लाभान्वित होंगे। सामान्य नागरिकों के लिए ₹50,000 और वरिष्ठ नागरिकों के लिए ₹1,00,000 की नई TDS सीमा तय की गई है।
2. अगर मेरी ब्याज आय ₹50,000 से अधिक है तो मुझे क्या करना होगा?
₹50,000 से अधिक की ब्याज आय होने पर बैंक 10% TDS काटेगा, बशर्ते कि आपके पास पैन कार्ड हो। बिना पैन कार्ड के यह दर 20% हो सकती है।
3. क्या वरिष्ठ नागरिकों को अतिरिक्त लाभ मिलेगा?
हां, सीनियर सिटिज़न्स को पहले की तुलना में दोगुना लाभ मिला है। उनकी ब्याज आय पर अब ₹1,00,000 तक कोई TDS नहीं कटेगा।
4. क्या यह छूट सभी प्रकार की FD पर लागू होगी?
हां, यह छूट बैंक FD और सॉवरेन बॉन्ड दोनों पर लागू होगी।
5. मुझे अपना टैक्स बचाने के लिए क्या करना चाहिए?
अगर आपकी आय TDS कटौती के बावजूद कर मुक्त है, तो आप फॉर्म 15G (सामान्य नागरिक) या फॉर्म 15H (वरिष्ठ नागरिक) भरकर TDS से छूट प्राप्त कर सकते हैं।
बजट 2025 में फिक्स्ड डिपॉजिट निवेशकों को महत्वपूर्ण राहत मिली है। नए TDS नियमों से छोटे और मध्यम निवेशकों को टैक्स में छूट मिलेगी, जिससे उनकी बचत पर अधिक रिटर्न मिलेगा। खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह फैसला आर्थिक रूप से बेहद फायदेमंद साबित होगा। यदि आप FD में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो यह सही समय है, क्योंकि नए नियमों से आपकी ब्याज आय पर कम टैक्स कटेगा और अधिक लाभ मिलेगा।