property rights: क्या दूसरी पत्नी मांग सकती है प्रॉपर्टी में हिस्सा, जानें क्या होता है प्रॉपर्टी का कानून

कानूनी जटिलताओं के बीच दूसरी पत्नी का प्रॉपर्टी में अधिकार कैसा होता है? वसीयत, विवाह की वैधता और उत्तराधिकार कानून के हर पहलू को समझें। इस लेख में जानिये कैसे मिल सकता है दूसरी पत्नी को भी पहली पत्नी के बराबर हक।

By Praveen Singh
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property rights: क्या दूसरी पत्नी मांग सकती है प्रॉपर्टी में हिस्सा, जानें क्या होता है प्रॉपर्टी का कानून
property rights: क्या दूसरी पत्नी मांग सकती है प्रॉपर्टी में हिस्सा

पति-पत्नी के बीच प्रॉपर्टी के विवाद कोई नई बात नहीं है, लेकिन जब मामला पति और उसकी दो पत्नियों का हो, तो यह जटिलता बढ़ जाती है। कानून ने ऐसी स्थितियों के लिए स्पष्ट प्रावधान किए हैं। सवाल उठता है कि दूसरी पत्नी का पति की प्रॉपर्टी में अधिकार (Second wife’s rights on husband’s property) कितना होता है? क्या वह कानूनी तौर पर अपने हिस्से का दावा कर सकती है?

दूसरी पत्नी का पति की प्रॉपर्टी में हिस्सा तभी मान्य हो सकता है जब उसकी शादी वैध हो। हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 (Hindu Marriage Act, 1955) के तहत दूसरी शादी तभी वैध मानी जाती है जब पहली पत्नी की मृत्यु हो चुकी हो या उनका तलाक हो गया हो। यदि विवाह वैध है, तो दूसरी पत्नी को पहली पत्नी के समान अधिकार प्राप्त होते हैं।

क्या दूसरी पत्नी मांग सकती है प्रॉपर्टी में हिस्सा

पति की प्रॉपर्टी पर दूसरी पत्नी के अधिकार के लिए दो मुख्य शर्तें होती हैं, पहली, दूसरी शादी का कानूनी रूप से वैध होना। दूसरी, पति द्वारा वसीयत या अन्य किसी विधिक दस्तावेज में उसे अधिकार देना। यदि इन शर्तों को पूरा किया गया हो, तो दूसरी पत्नी भी पति की स्वअर्जित संपत्ति (self-acquired property) और पैतृक संपत्ति (ancestral property) में अधिकार मांग सकती है।

दो शादी होने पर प्रॉपर्टी का बंटवारा कैसे होता है?

यदि किसी व्यक्ति की दो पत्नियां हैं, तो प्रॉपर्टी के बंटवारे में धार्मिक और विधिक नियमों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। वैध दूसरी शादी के आधार पर, दूसरी पत्नी और उसके बच्चों को पति की संपत्ति में वैध हिस्सेदारी मिलती है। कानून के अनुसार स्वअर्जित संपत्ति का मालिक यह तय कर सकता है कि वह अपनी संपत्ति किसे देना चाहता है। वसीयत के जरिए वह अपनी संपत्ति दोनों पत्नियों, किसी एक पत्नी, बच्चों या किसी अन्य को भी सौंप सकता है।

जब वसीयत हो या न हो

यदि पति ने वसीयत लिखी है, तो संपत्ति उसी को मिलेगी, जिसका जिक्र वसीयत में है। लेकिन अगर पति बिना वसीयत के मृत्यु को प्राप्त होता है, तो उसकी संपत्ति उत्तराधिकार कानून (Inheritance Law) के तहत बांटी जाएगी। इसमें पहली और दूसरी पत्नी के वैध होने पर उन्हें बराबर का हिस्सा मिल सकता है।

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(FAQs)

प्रश्न 1: क्या दूसरी पत्नी को हमेशा पति की संपत्ति में हिस्सा मिलता है?
नहीं, दूसरी पत्नी का अधिकार तभी मान्य होता है जब उसकी शादी वैध हो।

प्रश्न 2: क्या वसीयत के बिना भी दूसरी पत्नी संपत्ति में दावा कर सकती है?
हां, अगर विवाह वैध है और वसीयत नहीं है, तो उत्तराधिकार कानून के तहत दावा किया जा सकता है।

प्रश्न 3: क्या पहली पत्नी के जीवित रहते दूसरी शादी कानूनी हो सकती है?
हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 के अनुसार, ऐसा विवाह अवैध माना जाएगा।

दूसरी पत्नी के पति की संपत्ति में अधिकार पर कई कानूनी और सामाजिक पहलू निर्भर करते हैं। कानूनी रूप से वैध विवाह और वसीयत इस विवाद में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। दूसरी शादी की वैधता और उत्तराधिकार कानूनों की जानकारी इस विषय में जागरूकता बढ़ाने के लिए जरूरी है।

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